Chandra Grahan 2024: हिंदू धर्म में ग्रहण के समय को शुभ माना जाता है. 18 सितंबर को साल का दूसरा और आखरी चंद्रग्रहण लगनेवाला है. भारतीय समय के मुताबिक़ चंद्रग्रहण की शुरुवात सुबह 6.12 से होगी. इस दौरान सूतक काल मान्य नहीं होगा.चंद्र ग्रहण से करीब 9 घंटे पहले सूतक काल शुरू हो जाता है. ये ग्रहण पितृ पक्ष के पहले दिन लगेगा. ये चंद्रग्रहण बेहद ख़ास है, क्योकि ये चंद्रग्रहण पितृ पक्ष में पड़ रहा है.
सूतक काल का समय अशुभ माना जाता है. ऐसे में इस दौरान कोई भी शुभ और मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं. सूतक काल के समय ऐसे कई काम है जिन्हें करने की मनाही होती है. सूतक काल को एक प्रकार से अशुभ समय माना जाता हैं. ऐसे में सूतक काल के दौरान कोई मांगलिक या शुभ कार्य नहीं किया जाता है. ये भी पढ़े :Pitru Paksha 2024: पितृ पक्ष 15 दिनों तक क्यों मनाया जाता है? जानें श्राद्ध के कुछ मूलभूत नियम!
इस आखरी चंद्रग्रहण की शुरुवात सुबह 6.12 बजे होगी और इसका समापन सूबह 10.17 बजे होगा. चंद्रग्रहण के परमग्रास का समय सुबह 8.14 बजे का है और ये चंद्रग्रहण 4 घंटे 5 मिनट तक चलेगा. इसके बाद ये समाप्त हो जाएगा.
कब होगा आखरी चंद्रग्रहण का सूतक काल
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, ग्रहण से कुछ घंटे पहले से सूतक काल आरंभ हो जाता है. इस दौरान किसी भी तरह के मांगलिक और शुभ कामों को कने की मनाही होती है. जहां सूर्य ग्रहण से 12 घंटे पहले सूतक काल आरंभ हो जाता है, तो चंद्र ग्रहण के करीब 9 घंटे पहले सूतक काल आरंभ हो जाता है, जो ग्रहण समाप्त होने के साथ खत्म हो जाता है.
बता दें कि आज चंद्र ग्रहण का सूतक रात 9 बजे के करीब लग जाएगा.लेकिन भारत में ग्रहण न लगने के कारण सूतक काल मान्य नहीं होगा.चंद्र ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को ध्यान देने की जरूरत होती है. इस दौरान गर्भवती महिलाओं को सुई, चाकू जैसी नुकीली चीजों से दूर रहना चाहिए.साल का आखिरी और दूसरा चंद्र ग्रहण भारत में नहीं नजर आएगा. लेकिन यूरोप, एशिया के अधिकांश भाग, अफ्रीका, उत्तरी-दक्षिण अमेरिका, प्रशांत, अटलांटिक, हिंद महासागर, आर्कटिक और अंटार्कटिका में दिखाई देगा.
जाने सभी चंद्रग्रहण के बारे में
पूर्ण चंद्रग्रहण
जब पृथ्वी की छाव जब पुरे चंद्रमा की सतह पर पड़ती है तो ये अवस्था पूर्ण चंद्रग्रहण कहलाती है. ऐसी परिस्थिति में चांद लाल या गुलाबी कलर का दिखाई देता है. हमारी पृथ्वी से इसे देखने पर इसके धब्बे साफ़ नजर आते है.
आंशिक चंद्रग्रहण
आंशिक चंद्रग्रहण के दौरान चंद्रमा का केवल एक हिस्सा पृथ्वी की छाव में प्रवेश करता है. इस दौरान ऐसा लगता है की ये चंद्रमा की सतह से कट रहा है. इस दौरान पृथ्वी की छाया धरती की ओर आनेवाले चांद के हिस्से पर काली दिखाई देती है.
उपच्छाया चंद्रग्रहण
पृथ्वी की की छाव या थोड़ा हल्का भाग चांद की सतह पर पड़ता है. ये ग्रहण दुसरे ग्रहणों की तरह नहीं होता. इसे देखना थोड़ा मुश्किल होता है. इस ग्रहण में चांद का कोई भी भाग ग्रस्त नहीं होता.