सितंबर की पूर्णिमा, चंद्र ग्रहण और सुपरमून: सितंबर में आने वाली पूर्णिमा (Purnima September 2024) जिसे सुपरमून (Supermoon) भी कहा जाता है, इस बार एक आंशिक चंद्र ग्रहण (Lunar Eclipse 2024) के साथ दिखाई देगी. 18 सितंबर को यह ग्रहण भारत सहित अन्य कई क्षेत्रों में देखा जा सकेगा. ग्रहण सुबह 07:42 AM IST पर शुरू होगा और 08:45 AM IST पर समाप्त होगा. इस अद्भुत खगोलीय घटना के दौरान शनि ग्रह भी चंद्रमा के साथ दिखाई देगा. यह साल की दूसरी सुपरमून है, और कुल चार लगातार सुपरमून में से एक है, जिसके कारण यह सामान्य से बड़ा दिखाई देगा.
चंद्र ग्रहण तब होता है जब पृथ्वी, सूर्य और चंद्रमा के बीच आ जाती है, जिससे पृथ्वी की छाया चंद्रमा पर पड़ती है. हालांकि, इस बार का ग्रहण आंशिक होगा और सिर्फ 8 प्रतिशत चंद्रमा पृथ्वी की छाया में ढकेगा.
भारत में चंद्र ग्रहण की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्ता
भारत में चंद्र ग्रहण (Lunar eclipse time and date in India) का विशेष धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व होता है. हिंदू धर्म में ग्रहण के दौरान कई परंपराओं का पालन किया जाता है. वैज्ञानिक दृष्टिकोण से खाने-पीने पर कोई असर नहीं होता, लेकिन धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ग्रहण के दौरान भोजन करना शुभ नहीं माना जाता. इस दौरान कई लोग ध्यान, पूजा-पाठ और आध्यात्मिक क्रियाओं में संलग्न रहते हैं, ताकि नकारात्मक ऊर्जा को दूर किया जा सके.
चंद्र ग्रहण से पहले क्या करें?
चंद्र ग्रहण से पहले हल्का और सादा भोजन करने की सलाह दी जाती है ताकि ग्रहण के दौरान भूख न लगे. हल्का भोजन जैसे दाल, सब्जी, रोटी, और चावल ग्रहण से पहले खाया जा सकता है. हल्दी और तुलसी जैसी सामग्रियाँ भोजन में मिलाने से उनकी एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुणों का लाभ मिलता है. साथ ही, इस समय शरीर को हाइड्रेट रखना भी आवश्यक है. नारियल पानी, तुलसी की चाय, और ताजे फल ग्रहण से पहले शरीर को ताजगी प्रदान करते हैं.
चंद्र ग्रहण के दौरान क्या करें?
चंद्र ग्रहण (Lunar eclipse 18 September) के दौरान शांत वातावरण में बैठकर अंतर्दर्शन या ध्यान करना अत्यंत लाभकारी होता है. यह समय आत्मचिंतन और ध्यान के लिए उपयुक्त होता है. कुछ लोग मंत्रों का जाप भी करते हैं ताकि ग्रहण के दौरान उत्पन्न नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव कम हो सके. ग्रहण के दौरान कुछ भी खाने-पीने से बचना चाहिए और संयम का पालन करना चाहिए.
चंद्र ग्रहण के बाद क्या करें?
ग्रहण समाप्त होने के बाद स्नान करने की परंपरा है, जिससे माना जाता है कि ग्रहण के दौरान एकत्रित नकारात्मक ऊर्जा को दूर किया जा सकता है. स्नान के बाद लोग प्रार्थना करते हैं और दिन की शुरुआत नई ऊर्जा और उत्साह के साथ करते हैं. इस समय आभार व्यक्त करना और नम्रता का पालन करना भी महत्वपूर्ण होता है.
इस प्रकार, चंद्र ग्रहण सिर्फ एक खगोलीय घटना नहीं है, बल्कि इसे आत्मशुद्धि, ध्यान, और नई शुरुआत का संकेत भी माना जाता है.