
नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने बुधवार को लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक पेश कर दिया, जिसे गुरुवार को राज्यसभा में भी लाया जाएगा. इस विधेयक पर सरकार और विपक्ष आमने-सामने हैं. सरकार इसे पारित कराने के लिए पूरी तरह तैयार है, जबकि विपक्ष इसे असंवैधानिक बताते हुए विरोध कर रहा है.
गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में इस विधेयक पर सफाई देते हुए कहा कि वक्फ बोर्ड में किसी गैर-मुस्लिम सदस्य को शामिल करने का कोई प्रावधान नहीं होगा. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यह विधेयक वक्फ संपत्तियों की लूट रोकने के लिए लाया गया है, न कि किसी समुदाय के धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप के लिए.
वक्फ बोर्ड में नहीं होंगे गैर-मुस्लिम सदस्य
अमित शाह ने स्पष्ट किया कि विपक्षी दलों द्वारा यह भ्रम फैलाया जा रहा है कि इस विधेयक से वक्फ संपत्तियों में गैर-मुस्लिमों की दखलअंदाजी होगी. उन्होंने कहा कि इस तरह का कोई प्रावधान नहीं है. उन्होंने संसद में दो टूक कहा कि "वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिम सदस्य नहीं होंगे. हम ऐसा नहीं करना चाहते, क्योंकि यह धार्मिक संपत्ति से जुड़ा मामला है."
संसद में वक्फ बिल पर अमित शाह
#WATCH | #WaqfAmendmentBill | Union Home Minister Amit Shah says, "Where will non-Muslim members be included? In Council and Waqf Board. What would they do? They won't run any religious activity. They would only look after the administration of property donated by someone under… pic.twitter.com/CAkA5dSa1r
— ANI (@ANI) April 2, 2025
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, "यह एक बहुत बड़ी गलत धारणा है कि यह अधिनियम मुसलमानों के धार्मिक आचरण में हस्तक्षेप करेगा और उनके द्वारा दान की गई संपत्ति में हस्तक्षेप करेगा. यह गलत धारणा अल्पसंख्यकों में अपने वोट बैंक के लिए डर पैदा करने के लिए फैलाई जा रही है."
वक्फ पर क्या बोले अमित शाह
गृहमंत्री ने चर्चा के दौरान वक्फ की परिभाषा स्पष्ट करते हुए कहा कि वक्फ का अर्थ है ‘अल्लाह के नाम पर संपत्ति का दान.’ यह इस्लाम के दूसरे खलीफा हजरत उमर के समय अस्तित्व में आया था और इसे एक प्रकार की धर्मार्थ संपत्ति माना जाता है. उन्होंने आगे कहा कि कोई भी सरकारी संपत्ति वक्फ में दान नहीं की जा सकती, बल्कि केवल वही संपत्ति वक्फ की जा सकती है, जो किसी व्यक्ति की निजी संपत्ति हो.
क्या कहता है संशोधन विधेयक?
इस विधेयक में वक्फ संपत्तियों के बेहतर प्रबंधन और अवैध कब्जों को रोकने के लिए कई नए प्रावधान किए गए हैं. वक्फ बोर्ड की संपत्तियों की निगरानी और पारदर्शिता बढ़ाने के लिए कड़े नियम बनाए गए हैं. इसके अलावा वक्फ बोर्ड में किसी भी गैर-मुस्लिम सदस्य को नियुक्त करने की अनुमति नहीं दी जाएगी. वक्फ संपत्तियों का सही उपयोग सुनिश्चित करने के लिए प्रशासनिक बदलाव किए जाएंगे.
विपक्ष क्यों कर रहा है विरोध?
विपक्षी दलों का आरोप है कि यह विधेयक वक्फ संपत्तियों पर सरकारी नियंत्रण बढ़ाने का प्रयास है. कांग्रेस और अन्य विपक्षी पार्टियों ने इसे अल्पसंख्यकों के अधिकारों पर हमला करार दिया है. हालांकि, सरकार का कहना है कि इस विधेयक का उद्देश्य केवल वक्फ संपत्तियों की लूट और दुरुपयोग को रोकना है, न कि धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप करना.