Uttarakhand Glacier Burst: उत्तराखंड के चमोली में आये आपदा के बाद से रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. रेस्क्यू ऑपरेशन की टीम ने अब तक चमोली में हादसे में 90 शव बरामद कर चुकी हैं. वहीं इस आपदा में लापता लोगों के जिनके शव अब तक बरामद नहीं किये जा चुके हैं. उन्हें सरकार की तरफ से मृत घोषित किया जाएगा. लापता लोगों के तलाश के लिए हालांकि अभी भी चमोली की ऋषिगंगा और धौलीगंगा घाटी के साथ ही तपोवन टनल और बैराज साइट पर सर्च अभियान जारी है.
चमोली हादसे में लापता लोगों को लेकर पिछले हफ्ते उत्तराखंड सरकार ने केंद्र सरकार को पत्र लिखा था. सरकार से मांग की गई थी कि लापता लोगों को जल्द से जल्द मृत घोषित किया जाए. जिससे उनके परिजनों को समय पर राहत राशि बांटी जा सके. इसके लिए उत्तराखंड में सभी जिलों में एसडीएम को अधिकृत किया गया है, जबकि जिलाधिकारी अपीलीय अधिकारी होंगे. उत्तराखंड सरकार के इसी अनुरोध को मानते हुए केंद्र सरकार ने लापता लोगों को मृत घोषित करने को लेकर आदेश जारी किया है. यह भी पढ़े: Uttarakhand Glacier Burst: उम्मीदें खत्म, चमत्कार की आस में प्रार्थनाएं कर रहे पीड़ितों के परिजन
चमोली ग्लेशियर हादसे में लापता हुए लोगों के मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए प्रक्रिया भी तय की गई है. इसके लिए लापता व्यक्ति के उत्तराधिकारी या निकट संबंधी शपथ पत्र के साथ निवास के स्थान पर गुमसुदगी दर्ज करानी होगी. यह रिपोर्ट संबंधित क्षेत्र के पुलिस स्टेशन को भेजी जाएगी जो आपदा की घटना के अभिहित अधिकारी को दी जाएगी. अभिहित अधिकारी इसकी जांच करेंगे. जांच के आधार पर अभिहित अधिकारी मृत्यु के अस्थाई उपधारणा के आदेश जारी करेगा.
इसके बाद इसकी सूचना अखबारों में प्रकाशित होगी. 30 दिन तक दावे व आपत्तियां मांगी जाएंगी यदि कोई आपत्ति नहीं आई तो 30 दिन बाद मृत्यु प्रमाण पत्र जारी कर दिए जाएंगे. जिसके बाद परिवार को मुआवजे की राशी दी जाएगी.
बता दें कि चमोली ग्लेशियर हादसे में एनटीपीसी के तपोवन में स्थित पावर प्रोजेक्ट में जान गंवाने वाले लोगों को एनटीपीसी ने पीड़ित परिवार को बीस- बीस लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की है. वहीं राज्य सरकार ने चार-चार लाख तो पीएम राहत कोष से दो-दो लाख रुपए देने की घोषणा हुई है.