
Today's Googly: Jingle Bells Kis Festival Ke Liye Likha Gaya Tha? हर साल क्रिसमस आते ही 'जिंगल बेल्स (Jingle Bells)' की धुन हर गली-कूचे में सुनाई देने लगती है. लेकिन क्या आपको पता है कि ये गाना असल में क्रिसमस के लिए नहीं, बल्कि थैंक्सगिविंग (Thanksgiving ) के लिए लिखा गया था. सन 1857 में जेम्स लॉर्ड पियरपॉइंट (James Lord Pierpont) ने इसे 'वन हॉर्स ओपन स्ले (One Horse Open Sleigh)' के नाम से पब्लिश किया था. यह गीत एक रोमांचक स्ले राइड यानी बर्फीली सैर की कहानी कहता है. इस गीत का असली संबंध क्रिसमस से नहीं था.
हालांकि, समय के साथ यह गीत क्रिसमस के साथ जुड़ने लगा और आज यह दुनिया भर में एक प्रमुख क्रिसमस कारोल के रूप में गाया जाता है.
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‘जिंगल बेल्स’ की कहानी
माना जाता है कि पियरपॉइंट ने यह गाना मैसाचुसेट्स के मेडफर्ड शहर में 1850 में लिखा था, जहां उन्होंने एक टेवर्न में बैठकर इसे कम्पोज किया. इसी जगह अब एक चश्मों की दुकान है, जिसकी दीवार पर एक प्लेट लगी है, 'जिंगल बेल्स’ कम्पोज्ड हियर. लेकिन मामला यहीं खत्म नहीं होता.
पियरपॉइंट बाद में जॉर्जिया के सवाना शहर चले गए, जहां एक चर्च के पास लगे बोर्ड पर दावा किया गया कि यह गाना वहीं लिखा गया था. यही नहीं, 2017 में एक थिएटर इतिहासकार काइना हैमिल ने अपने रिसर्च में बताया कि पियरपॉइंट उस समय कैलिफोर्निया में थे और गोल्ड रश में किस्मत आजमा रहे थे. साथ ही उन्होंने बताया कि ये गाना सबसे पहले एक मिनस्ट्रेल शो में गाया गया था, जो उस दौर में नस्लीय व्यंग्य और ब्लैकफेस के लिए कुख्यात थे.
3,800 लोगों ने गाया ‘जिंगल बेल्स’
हालांकि इस विवाद के बावजूद, मेडफर्ड के लोगों ने 'जिंगल बेल्स' को गर्व से अपनाया है. यहां हर साल ‘जिंगल बेल्स फेस्टिवल’ होता है, जिसमें हजारों लोग जुटते हैं. 2004 में तो यहां तक हुआ कि लगभग 3,800 लोगों ने मिलकर इस गाने को गाया और वर्ल्ड रिकॉर्ड बना डाला.
'Jingle Bells' का प्रभाव इतना गहरा था कि यह 1965 में अंतरिक्ष से भी बजाया गया था, जब जेमिनी 6 के अंतरिक्ष यात्रियों ने एक मजेदार प्रैंक के तौर पर इसे गाया था.
‘जिंगल बेल्स’ हर दिल अजीज
'Jingle Bells' का आज भी हर जगह क्रिसमस और सर्दी के मौसम में अहम स्थान है. यह गीत हमारे दिलों में हमेशा एक विशेष स्थान बनाए रखेगा. इस गीत का इतिहास हमें यह याद दिलाता है कि कई पारंपरिक क्रिसमस गीतों के पीछे एक दिलचस्प कहानी छिपी होती है.
तो असली रचना स्थल कोई भी हो, एक बात तय है. ‘जिंगल बेल्स’ हर दिल अजीज है.