नई दिल्ली: केंद्र सरकार द्वारा राज्यसभा (Rajya Sabha) में पेश किए गए ‘विधि विरुद्ध क्रियाकलाप निवारण संशोधन (यूएपीए) विधेयक, 2019’ का अधिकतर विपक्षी दल विरोध कर रहे है. शुक्रवार को भी बहस के दौरान विपक्ष ने गैर कानूनी गतिविधि निवारण में संशोधन के लिए लाये गये एक विधेयक के प्रावधानों का दुरूपयोग होने की आशंका जताई. वहीं इस विधेयक के बचाव में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने कहा कि आतंकवाद (Terrorism) के खिलाफ सभी को एकजुट होना चाहिए. आतंक का कोई धर्म नहीं होता है, यह विधेयक किसी विशेष सरकार या व्यक्ति के खिलाफ नहीं है. हालांकि प्रस्ताव खारिज होने के कारण यह विधेयक सिलेक्ट कमेटी को नहीं भेजा गया और अंत में मैन्युअल वोटिंग के बाद पारित हो गया. इस बिल के पक्ष में 147 वोट और विपक्ष में 42 वोट पड़े.
Unlawful Activities (Prevention) Act(UAPA) amendment, 2019 passed in Rajya Sabha pic.twitter.com/jfttTZvdmE
— ANI (@ANI) August 2, 2019
संशोधन में प्रस्तावित प्रावधानों के दुरुपयोग के बारे में सदस्यों के बीच भय को दूर करते हुए अमित शाह ने पहले कहा था कि यह संशोधन व्यक्तियों को आतंकवादी के रूप में नामित करने की केवल तभी अनुमति देता है जब कानून के अनुसार उचित प्रक्रिया के बाद पर्याप्त सबूत हों. गिरफ्तारी या जमानत प्रावधानों में कोई बदलाव नहीं किया जा रहा है. इसलिए यह स्पष्ट है कि किसी भी व्यक्ति के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन नहीं होगा.
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राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के निरीक्षक स्तर पर अपराधों की जांच करने के संबंध में उनका कहना था कि विभिन्न स्तरों पर एनआईए में केसों का रिव्यू किया जाता है इसलिए निरीक्षक के द्वारा जांच करने पर भी किसी तरह की कोई परेशानी नहीं होगी. इस संशोधन के पीछे उद्देश्य यह है कि जांच जल्दी हो.
Amit Shah: When we were in opposition, we supported previous UAPA amendments, be it in 2004,'08 or '13 as we believe all should support tough measures against terror. We also believe that terror has no religion, it is against humanity,not against a particular Govt or individual pic.twitter.com/y6xqqLn83L
— ANI (@ANI) August 2, 2019
गृह मंत्रालय ने इस साल की शुरुआत में कहा था कि एनआईए ने पिछले तीन साल में यूएपीए के तहत 418 लोगों को गिरफ्तार किया है. जबकि यूएपीए के तहत मिली शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए केंद्र सरकार ने इस दौरान इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन (आईआरएफ), नेशनल लिबरेशन फ्रंट इन त्रिपुरा (एनएलएफटी) और ऑल त्रिपुरा टाइगर फोरम (एटीटीएफ) को गैर-कानूनी संगठन घोषित किया.