Tirupati Laddu Row: तिरुपति बालाजी मंदिर, जो आस्था और विश्वास का प्रमुख केंद्र है, अपने प्रसादम के रूप में दिए जाने वाले प्रसिद्ध लड्डू के कारण भी भक्तों के बीच विशेष स्थान रखता है. लेकिन हाल ही में इन लड्डुओं को लेकर एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया है. आरोप है कि इन पवित्र लड्डुओं के निर्माण में इस्तेमाल होने वाला घी मिलावटी है और इसमें पशु वसा (एनिमल फैट) मिलाया गया है. अब तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (TTD) ट्रस्ट ने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू के दावों का समर्थन किया. वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने इन आरोपों को राजनीतिक साजिश करार दिया है.
विवाद की शुरुआत कैसे हुई?
यह विवाद तब शुरू हुआ जब पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने एनडीए की एक बैठक में यह आरोप लगाया कि वाईएस जगन मोहन रेड्डी के नेतृत्व वाली सरकार ने लड्डू के निर्माण में घटिया सामग्री का उपयोग किया, जिसमेंएनिमल फैट और फिश आयल शामिल था. नायडू ने दावा किया कि गुजरात के एक लैब की रिपोर्ट में यह साबित हुआ है कि लड्डू बनाने में इस्तेमाल किया गया घी मिलावटी था और उसमें लार्ड (सूअर की चर्बी), बीफ टैलो (गोमांस वसा) और मछली का तेल मिला था.
यह रिपोर्ट 16 जुलाई, 2024 को गुजरात की NDDB CALF लैब से प्राप्त की गई थी और इसे तेलुगु देशम पार्टी (TDP) के प्रवक्ता अनाम वेंकट रमण रेड्डी द्वारा एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रस्तुत किया गया था. रिपोर्ट में आरोप लगाया गया कि YSRCP सरकार के दौरान लड्डू बनाने में मिलावटी घी का इस्तेमाल किया गया था.
मंदिर ट्रस्ट का क्या कहना है?
टीटीडी ट्रस्ट, जो तिरुपति बालाजी मंदिर के संचालन का जिम्मा संभालता है, ने नायडू के आरोपों का समर्थन किया. टीटीडी के कार्यकारी अधिकारी श्यामला राव ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि घी की आपूर्ति करने वाले ठेकेदारों ने इस बात का फायदा उठाया कि मंदिर में अंदर ही घी की गुणवत्ता की जांच करने की सुविधा नहीं थी. इसके अलावा, बाहरी लैब्स का भी इस्तेमाल नहीं किया गया. उन्होंने कहा कि लैब की जांच में यह साबित हुआ कि घी में एनिमल फैट और लार्ड (सूअर की चर्बी) पाई गई है. इस खुलासे के बाद घी की आपूर्ति रोक दी गई और ठेकेदार को ब्लैकलिस्ट करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है.
वाईएस जगन मोहन रेड्डी का जवाब
पूर्व मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए इसे राजनीति से प्रेरित बताया. उन्होंने चंद्रबाबू नायडू पर आरोप लगाया कि वे भगवान का इस्तेमाल भी राजनीतिक फायदे के लिए कर रहे हैं. वाईएसआरसीपी नेता वाईवी सुब्बा रेड्डी, जो टीटीडी के पूर्व अध्यक्ष रह चुके हैं, ने नायडू के दावों को "धार्मिक भावना का अपमान" बताया और उन्हें भगवान वेंकटेश्वर के समक्ष सच बोलने की चुनौती दी. सुब्बा रेड्डी ने इन आरोपों को झूठा और राजनीति से प्रेरित बताया.
राजनीतिक प्रतिक्रिया
इस मामले में विपक्ष और अन्य दलों ने भी प्रतिक्रिया दी. आंध्र प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष वाईएस शर्मिला ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को एक पत्र लिखकर सीबीआई जांच की मांग की है. उन्होंने इस मामले को देश के सबसे पवित्र मंदिरों में से एक के लिए अपवित्रता करार दिया और कहा कि अगर आरोप सही साबित होते हैं तो यह धार्मिक आस्था का सबसे बड़ा अपमान होगा.
बीजेपी नेताओं ने भी इस मुद्दे पर चिंता व्यक्त की है. तेलंगाना के विधायक राजा सिंह ने इन आरोपों को भारतीय संस्कृति और धार्मिक विरासत पर सीधा हमला बताया. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री नड्डा ने कहा कि केंद्र सरकार इस मामले पर पूरी रिपोर्ट का इंतजार कर रही है और तथ्यों की पुष्टि होते ही उचित कार्रवाई की जाएगी.