नये संसद (New Parliament Building) के निर्माण का ठेका टाटा ग्रुप को मिल गई है. टाटा ग्रुप को यह ठेका 861.9 करोड़ रुपए में मिला है. एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक टाटा ग्रुप 861.9 करोड़ रुपए की बोली लगाई थी तो वहीं लार्सन और टुब्रो 865 करोड़ रुपये की बोली प्रस्तुत की थी. जिसके बाद नए संसद भवन निर्माण की जिम्मेदारी टाटा ग्रुप को मिल गई है. केंद्रीय लोक निर्माण विभाग के ऑनलाइन निविदा पोर्टल के अनुसार कुल सात कंपनियों ने पात्रता पूर्व बोलियां जमा की थी. जिनके नाम है टाटा प्रोजेक्ट लिमेटड, लार्सन एंड टूब्रो लि, आईटीडी सीमेंटेशन इंडिया लि, एनसीसी लि, शपूरजी पलोनजी एंड कंपनी प्राइवेट लिमेटड, उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम लि. और पीएसपी प्रोजेक्ट्स लिमिटेड.
बता दें कि सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना के तहत मौजूदा संसद भवन के पास नई इमारत बनायी जाएगी. इसके 21 महीने में पूरा होने का अनुमान है. इसके अलावा मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक साथ ही केंद्रीय सचिवालय के लिए 10 नई इमारतें बनाई जाएंगी. जबकि राष्ट्रपति भवन, मौजूदा संसद भवन, इंडिया गेट और राष्ट्रीय अभिलेखागार की इमारत को इसी तरह ही रखा जाएगा.
ANI का ट्वीट:-
Central Public Works Department opens financial bids for the construction of new Parliament building. Tata Projects Ltd has submitted a bid of Rs.861.90 crores and Larsen and Toubro Ltd has submitted a bid of Rs.865 crores: Sources
— ANI (@ANI) September 16, 2020
सेंट्रल विस्टा पुनर्निर्माण योजना के तहत 900 से 1200 सांसदों के बैठने के लिए त्रिकोणीय संसद भवन अगस्त 2022 तक बनाने की योजना है. केंद्र सरकार चाहती है कि देश की स्वतंत्रता दिवस की 75वीं वर्षगांठ से पहले इसका निर्माण कार्य पूरा हो जाय. इसके अलावा एकीकृत केंद्रीय सचिवालय का निर्माण कार्य 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य है.
इस योजना में प्रधानमंत्री और उप राष्ट्रपति के लिए नया आवास, और सरकारी कार्यालयों के लिए दस नई इमारत बनाये जाने की योजना है. । इसमें शास्त्री भवन, निर्माण भवन, उद्योग भवन, कृषि भवन और वायु भवन शामिल हैं. मौजूदा समय में इन इमारतों में विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य, आवास, कृषि, वाणिज्य, वायु सेना आदि के कार्यालय हैं. ( आईएएनएस इनपुट)