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- ट्रंप ने जापान के साथ व्यापार समझौते की घोषणा की, आयात पर 15% टैरिफ
- उपराष्ट्रपति के इस्तीफे पर खड़गे बोले, “दाल में कुछ काला है”
गाजा में 'बड़े पैमाने पर भुखमरी' फैलने की 100 से ज्यादा एनजीओ ने दी चेतावनी
100 से ज्यादा सहायता संगठनों और मानवाधिकार समूहों ने बुधवार को चेतावनी दी है कि गाजा में "बड़े पैमाने पर भुखमरी" फैल रही है. इन संगठनों ने इस गंभीर स्थिति के लिए इस्राएल और इस्राएली सरकार द्वारा समर्थित गाजा मानवीय फाउंडेशन (जीएचएफ) को जिम्मेदार ठहराया है. गाजा पट्टी में लगभग 20 लाख लोग रहते हैं और उन्हें भोजन, पानी, दवा और अन्य जरूरी चीजों की गंभीर कमी का सामना करना पड़ रहा है.
संयुक्त राष्ट्र विश्व खाद्य कार्यक्रम (डब्ल्यूएफपी) के अनुसार, गाजा की फलिस्तीनी आबादी पूरी तरह से बाहरी सहायता पर निर्भर है. इस्राएल के सैन्य अभियानों ने पहले से ही सीमित स्थानीय खाद्य उत्पादन को नष्ट कर दिया है. इसके अलावा, इस्राएल की नाकेबंदी, चल रही लड़ाई और क्षेत्र के अंदर अराजकता ने लोगों की भोजन तक पहुंच को और सीमित कर दिया है.
मंगलवार को गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, हाल के दिनों में 101 लोगों, जिनमें 80 बच्चे शामिल हैं, की भुखमरी से मौत हो गई है. डब्ल्यूएफपी के आपातकालीन निदेशक रॉस स्मिथ ने सोमवार को बताया कि लगभग 1 लाख महिलाएं और बच्चे गंभीर तीव्र कुपोषण से पीड़ित हैं और गाजा की एक तिहाई आबादी कई दिनों तक बिना खाए रह रही है.
डॉक्टर्स विदाउट बॉर्डर्स (एमएसएफ), सेव द चिल्ड्रन, ऑक्सफैम और नॉर्वेजियन रिफ्यूजी काउंसिल जैसे संगठनों सहित 111 हस्ताक्षरकर्ताओं वाले एक संयुक्त बयान में कहा गया है कि मौजूदा स्थितियों को सुधारने का प्रयास तुरंत किया जाना चाहिए.
भ्रष्टाचार विरोधी बिल पर हस्ताक्षर करने के विरोध में जेलेंस्की के खिलाफ प्रदर्शन
22 जुलाई को यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की द्वारा भ्रष्टाचार विरोधी बुनियादी ढांचे को खतरे में डालने वाले एक विवादास्पद विधेयक पर हस्ताक्षर करने के बाद कीव और यूक्रेन के अन्य शहरों में हजारों लोगों ने इकट्ठा होकर विरोध प्रदर्शन किए. युद्ध के बीच पिछले तीन सालों में यह सरकार के खिलाफ पहली बड़ी रैली थी.
यूक्रेन की संसद ने एक कानून पारित किया है जो दो प्रमुख भ्रष्टाचार विरोधी एजेंसियों पर निगरानी को कड़ा करेगा. आलोचकों का कहना है कि यह बिल उनकी स्वतंत्रता को काफी कमजोर कर सकता है. संसद की वेबसाइट के अनुसार, जेलेंस्की ने मंगलवार देर शाम इस विधेयक पर हस्ताक्षर कर इसे कानून बना दिया. इस कानून के पारित होने से यूक्रेन में सार्वजनिक आक्रोश फैल गया है.
यह बदलाव राष्ट्रपति कार्यालय (प्रॉसीक्यूटर जनरल) को यूक्रेन के राष्ट्रीय भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एनएबीयू) और विशेष भ्रष्टाचार निरोधक अभियोजक कार्यालय (एसएपीओ) द्वारा संभाली जाने वाली जांच और मामलों पर नई शक्तियां प्रदान करेंगे. एनएबीयू और एसएपीओ ने टेलीग्राम पर एक संयुक्त बयान में कहा, "वास्तव में, यदि यह विधेयक कानून बन जाता है, तो एसएपीओ का प्रमुख एक नाममात्र का व्यक्ति बन जाएगा, जबकि एनएबीयू अपनी स्वतंत्रता खो देगा और अभियोजक जनरल के कार्यालय का एक उपखंड बन जाएगा."
ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल की यूक्रेनी शाखा ने संसद के इस निर्णय की कड़ी आलोचना की है. समूह का कहना है कि यह विधेयक 2014 की "गरिमा की क्रांति" के बाद से यूक्रेन में हुए सबसे महत्वपूर्ण सुधारों में से एक को कमजोर करता है और अंतरराष्ट्रीय भागीदारों के साथ विश्वास को नुकसान पहुंचाता है. ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल यूक्रेन ने राष्ट्रपति जेलेंस्की से इस कानून को वीटो करने का आग्रह किया है.
भारत 24 जुलाई से चीनी नागरिकों के लिए टूरिस्ट वीजा जारी करेगा
भारत 24 जुलाई, 2025 से चीनी नागरिकों के लिए पर्यटक वीजा फिर से जारी करना शुरू करेगा. चीन में भारतीय दूतावास ने बुधवार को यह घोषणा की. भारत पांच साल बाद चीनी पर्यटकों के लिए वीजा फिर से शुरू कर रहा है क्योंकि दोनों देश अपने तनावपूर्ण संबंधों को सुधारने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं.
साल 2020 में गलवान में हुई सैन्य झड़प के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया था. इसके बाद, भारत ने चीनी निवेश पर प्रतिबंध लगा दिए थे. सैकड़ों चीनी ऐप्स भी बैन कर दिए थे और यात्रा मार्गों को बंद कर दिया था.
इसी दौरान, चीन ने भी कोविड महामारी के कारण भारतीय नागरिकों और अन्य विदेशियों के लिए वीजा निलंबित कर दिए थे. लेकिन 2022 में इन प्रतिबंधों को हटा लिया था, जब उसने छात्रों और व्यावसायिक यात्रियों के लिए वीजा जारी करना फिर से शुरू किया था. भारतीय नागरिकों के लिए पर्यटक वीजा पर इस साल मार्च तक प्रतिबंध लगा रहा, जब दोनों देश सीधी हवाई सेवा फिर से शुरू करने पर सहमत हुए.
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गुओ जियाकुन ने बुधवार को कहा कि बीजिंग ने इस सकारात्मक कदम का संज्ञान लिया है. उन्होंने कहा, "चीन भारत के साथ संचार और परामर्श बनाए रखने और दोनों देशों के बीच व्यक्तिगत आदान-प्रदान के स्तर में लगातार सुधार करने के लिए तैयार है."
उपराष्ट्रपति के इस्तीफे पर खड़गे बोले, “दाल में कुछ काला है”
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने जगदीप धनखड़ के उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा देने के बारे में कहा है कि सरकार को इस बारे में जवाब देना चाहिए. उन्होंने बुधवार को रिपोर्टरों से कहा कि सरकार को जवाब देना चाहिए कि उन्होंने क्यों इस्तीफा दिया और इसके पीछे क्या राज हैं. उन्होंने कहा, “हमें तो ऐसा दिख रहा है कि दाल में कुछ काला है, नहीं तो उनका स्वास्थ्य भी ठीक है और वे हमेशा अपनी शब्दावली भी ठीक रखते हैं.”
कांग्रेस अध्यक्ष ने आगे कहा, “वे आरएसएस और बीजेपी का इतना बचाव करते थे जितना शायद खुद आरएसएस और बीजेपी के लोग नहीं करते थे. उनकी इतनी निष्ठा उनके (बीजेपी और आरएसएस) साथ थी.” उन्होंने आगे कहा कि उपराष्ट्रपति के इस्तीफे के पीछे कौन है, इसका क्या कारण है, यह देश को बताना चाहिए क्योंकि वे देश की 140 करोड़ जनता का प्रतिनिधित्व कर रहे थे.
ट्रंप ने जापान के साथ व्यापार समझौते की घोषणा की, आयात पर 15% टैरिफ
अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने जापान के साथ एक व्यापार समझौते पर पहुंचने की घोषणा की है. इस समझौते के तहत, अमेरिका जापान से आयात होने वाले सामानों पर 15 फीसदी टैरिफ लगाएगा. इससे पहले ट्रंप ने जापानी आयात पर 25 फीसदी तक टैरिफ लगाने की धमकी दी थी.
ट्रंप ने ट्रूथ सोशल पर पोस्ट करते हुए दावा किया कि जापान उनके निर्देश पर संयुक्त राज्य अमेरिका में 550 अरब डॉलर का निवेश करेगा और ऑटो सेक्टर और चावल के लिए अपनी अर्थव्यवस्था को खोलेगा. उन्होंने यह भी कहा कि इस सौदे से लाखों की संख्या में नौकरियां पैदा होंगी. ट्रंप ने कहा कि अमेरिका का हमेशा जापान के साथ एक महान संबंध बना रहेगा.
यह नया समझौता जापान के लिए राहत लेकर आया है, क्योंकि उन्हें पहले 1 अगस्त से 25 फीसदी टैरिफ का सामना करने की धमकी दी गई थी और कुछ क्षेत्रों में 30 फीसदी टैरिफ लगाए जाने तक की संभावना थी. इस समझौते में जापानी ऑटोमोबाइल पर टैरिफ भी 25 फीसदी से घटाकर 15 फीसदी कर दिया गया है, जो जापान के सबसे महत्वपूर्ण उद्योगों में से एक है.
इस घोषणा के बाद जापानी ऑटोमोबाइल निर्माताओं के शेयरों में उछाल आया. माज्दा के शेयरों में 12 फीसदी की बढ़ोतरी हुई. इसके अलावा, टोयोटा के शेयरों में लगभग 10 फीसदी, होंडा के शेयरों में 8 फीसदी से अधिक और निसान के शेयरों में 6.5 फीसदी का उछाल आया.
पीएम मोदी की ब्रिटेन यात्रा में होंगे मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर
भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ब्रिटेन यात्रा के दौरान गुरुवार, 24 जुलाई को दोनों देश एक मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर करेंगे. समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने अधिकारियों के हवाले से यह जानकारी दी है. समझौते के तहत, भारत ब्रिटिश व्हिस्की, कारों और कुछ खाद्य पदार्थों पर टैरिफ कम करेगा और इसके बदले में ब्रिटेन भारतीय कपड़ों और इलेक्ट्रिक गाड़ियों को शुल्क-मुक्त पहुंच प्रदान करेगा.
बेहद लंबी बातचीत के बाद इस साल मई में इस समझौते पर सहमति बनी थी. रॉयटर्स के मुताबिक, इस समझौते से द्विपक्षीय व्यापार में बढ़ोतरी होने की उम्मीद है क्योंकि इससे विभिन्न व्यापारिक बाधाएं हट जाएंगी और दोनों देशों को एक-दूसरे के बाजार में अधिक पहुंच हासिल होगी. हालांकि, यह समझौता अभी नहीं बल्कि ब्रिटिश संसद और भारत की केंद्रीय कैबिनेट द्वारा मंजूरी दिए जाने के बाद ही लागू होगा.
भारत के विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने इसे एक “महत्वपूर्ण समझौता” बताया है. उन्होंने बताया, “साल 2023-24 में दोनों देशों के बीच व्यापार 55 अरब डॉलर पर पहुंच गया था. वहीं, यूके लगभग 36 अरब डॉलर के कुल निवेश के साथ भारत का छठवां सबसे बड़ा निवेशक बन चुका है.” उन्होंने आगे बताया कि करीबन एक हजार भारतीय कंपनियां यूके में काम करती हैं और करीब एक लाख लोगों को रोजगार देती हैं.
मालदीव भी जाएंगे पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार, 23 जुलाई को चार दिवसीय विदेश यात्रा पर रवाना होंगे. वे 23-24 जुलाई को ब्रिटेन में रहेंगे और वहां ब्रिटिश प्रधानमंत्री कियर स्टार्मर और किंग चार्ल्स तृतीय से मुलाकात करेंगे. इसके बाद वे मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जु के आमंत्रण पर मालदीव की राजकीय यात्रा करेंगे. वे 26 जुलाई को मालदीव के स्वतंत्रता दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल होंगे.












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