
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने भारत में LGBTQIA+ समुदाय को विवाह समानता का अधिकार देने से इनकार कर दिया है. समलैंगिक विवाह पर जस्टिस रवीन्द्र भट्ट ने कहा, "विवाह करने का अयोग्य अधिकार नहीं हो सकता जिसे मौलिक अधिकार माना जाए. हालांकि हम इस बात से सहमत हैं कि रिश्ते का अधिकार है, हम स्पष्ट रूप से मानते हैं कि यह अनुच्छेद 21 के अंतर्गत आता है. इसमें एक साथी चुनने और उनके साथ शारीरिक संबंध का आनंद लेने का अधिकार शामिल है जिसमें गोपनीयता, स्वायत्तता आदि का अधिकार शामिल है. इसमें कोई संदेह नहीं हो सकता कि जीवन सा�लिया आशीर्वाद">83 रिलीज से पहले सिद्धिविनायक मंदिर पहुंचीं Deepika Padukone, गणपति के दर्शन कर लिया आशीर्वाद