SIM Cards Digital KYC Verification: नकली सिम कार्डों की धोखाधड़ी को रोकने के लिए दूरसंचार विभाग (DoT) नो योर कस्टमर (KYC) प्रक्रिया में कुछ बदलाव करने की योजना बना रहा है. द इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, नए मानदंड एक आईडी पर जारी किए गए सिम कार्ड की संख्या को मौजूदा 9 से घटाकर 5 कर सकते हैं और केवाईसी प्रक्रिया का पूर्ण डिजिटलीकरण कर सकते हैं. ये भी पढ़ें- Most Visited Websites in India: भारत में मार्च महीने में 10 वेबसाइट को लोगों ने सबसे ज्यादा विजिट किया, Google रहा पहले स्थान पर
सिम जारी करने के लिए डिजिटली वेरिफाइड दस्तावेजों का इस्तेमाल किया जाएगा. यही नहीं, फ्रॉड करने वाले लोगों के पकड़े जाने पर उनपर दंडात्मक कार्यवाई भी होगी. DoT की आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एंड डिजिटल इंटेलिजेंस यूनिट (AI & DIU) विंग द्वारा नेशनल वर्किंग ग्रुप के परामर्श से छह महीने के भीतर KYC के नए नियम को जारी सकता है.
एक सरकारी अधिकारी ने द इंडियन एक्सप्रेस से कहा, "फर्जी आईडी से निपटने के लिए डिजिटल दस्तावेज़ सत्यापन को अनिवार्य बनाकर मजबूत केवाईसी तंत्र खोजने के संबंध में वर्तमान में चर्चा चल रही है."
इस बीच वर्तमान में भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (Unique Identification Authority of India) की आधार आधारित ई-केवाईसी (Aadhaar Card based e-KYC) सेवा का उपयोग मोबाइल कनेक्शन जारी करने के लिए एक वैकल्पिक प्रक्रिया के रूप में किया जा रहा है, जिसमें यूआईडीएआई (UIDAI) से प्राप्त तस्वीर के साथ ग्राहक का जनसांख्यिकीय विवरण स्वचालित रूप से ग्राहक आवेदन में लाइसेंसधारी द्वारा कब्जा कर लिया जाएगा.
फर्जी सिम कार्डों की पहचान करने और उन्हें ब्लॉक करने के लिए AI का भी प्रयोग किया जा रहा है और टेलीकॉम सिम सब्सक्राइबर वेरिफिकेशन (ASTR) के लिए फेशियल रिकॉग्निशन भी सरकार द्वारा पूरे भारत में लागू किया जा रहा है