नई दिल्ली: सबरीमाला मंदिर दर्शन को लेकर जो विवाद खड़ा हुआ है वह थमने का नाम नहीं ले रहा है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद सबरीमाला मंदिर द्वार तो खुले लेकिन महिलाएं दाखिल नहीं हो सकीं. इस दौरान पूरे इलाके में भारी विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. वहीं प्रदर्शनकारियों और पुलिस बल के बीच हिंसक झड़प भी हुई. प्रदर्शनकारियों के गुस्से का सामना कुछ महिला पत्रकारों को करना पड़ा. मीडिया की गाड़ियों को निशाना बनाया गया और तोड़फोड़ की गई.
वहीं समाचार एजेंसी एएनआई की खबर के मुताबिक सबरीमाला मंदिर में 50 साल से ज्यादा उम्र की महिलाओं ने ही बुधवार को प्रवेश किया. वहीं हालात को देखते हुए 18 और 19 अक्टूबर के लिए सबरीमाला मंदिर के आसपास कुछ चुनिंदा जगहों पर धारा 144 लगाई गई है. अयप्पा मंदिर पांच दिनों तक खुले रहेंगे.
Kerala: Devotees climb the sacred Pathinettam Padi to enter the #SabarimalaTemple to offer prayers. pic.twitter.com/lGMLwxV1kL
— ANI (@ANI) October 17, 2018
सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर पुनर्विचार याचिका दायर नहीं करने के केरल सरकार के फैसले के बाद कार्यकर्ताओं में गुस्सा बढ़ गया है और पहाड़ी क्षेत्र में स्थित इस मंदिर के आस-पास तनाव का माहौल बना हुआ है.
We demand an ordinance in this regard from both state as well as Centre, especially for #SabrimalaTemple: Prayar Gopalakrishnan, Former Travancore Devaswom Board President at Sannidhanam Temple, Kerala. pic.twitter.com/yGUAOa3ggW
— ANI (@ANI) October 18, 2018
यह भी पढ़ें:- सबरीमाला विवादः प्रदर्शनकारियों ने महिला पत्रकारों पर बोला हमला, पुलिस ने भाजी लाठियां
सबरीमाला में स्थित भगवान अय्यप्पा के मंदिर में महिलाओं को प्रवेश के लिए आयु प्रमाणपत्र दिखाना पड़ता था. इस मंदिर में 10 वर्ष से 50 वर्ष तक की महिलाओं को प्रवेश नहीं दिया जाता था. दरअसल महिलाओं के उस समूह को मंदिर में प्रवेश से रोका जाता है जिन्हें माहवारी होती है. ऐसी मान्यता है कि बारहवीं सदी में बने इस मंदिर में महिलाओं को इसलिए नहीं जाने दिया जाता था क्योकि भगवान अयप्पा खुद ब्रहमचारी थे.