What is Dukes Balls Controversy: भारतीय राष्ट्रीय क्रिकेट टीम बनाम इंग्लैंड राष्ट्रीय क्रिकेट टीम के बीच हमेशा से टेस्ट सीरीज़ खास और हाई-वोल्टेज मानी जाती है, और मौजूदा पांच मैचों की टेस्ट सीरीज़ भी इससे अलग नहीं है. सीरीज़ में दोनों टीमें 1-1 की बराबरी पर हैं और तीसरा टेस्ट ऐतिहासिक लॉर्ड्स क्रिकेट ग्राउंड पर खेला जा रहा है। हालांकि, अब यह मुकाबला एक क्रिकेटिंग विवाद की वजह से सुर्खियों में और वो है "ड्यूक बॉल कंट्रोवर्सी" आ गया है. भारत बनाम इंग्लैंड( IND vs ENG) तीसरे टेस्ट के दूसरे दिन, जब टीम इंडिया इंग्लैंड की पहली पारी को 300 से नीचे समेटने की ओर बढ़ रही थी, तभी तेज़ गेंदबाज़ मोहम्मद सिराज ने नोटिस किया कि 10 ओवर पुरानी ड्यूक बॉल की शेप बिगड़ चुकी है. अंपायरों ने जांच की और पाया कि गेंद वाकई आउट ऑफ शेप हो चुकी है, क्योंकि वह परीक्षण रिंग से नहीं गुजर पा रही थी. इसके बाद अंपायरों ने गेंद को बदलने का फैसला किया. क्या है लॉर्ड्स टेस्ट में बॉल चेंज को लेकर विवाद? ड्यूक गेंद ने भारत पर कैसा असर डाला, जिससे मचा बवाल? जानिए पूरा मामला विस्तार से
क्या है ड्यूक बॉल विवाद?
यहीं से विवाद शुरू हुआ, क्योंकि कप्तान शुभमन गिल और मोहम्मद सिराज को दी गई नई गेंद करीब 20 ओवर पुरानी लग रही थी, जबकि जो गेंद बदली गई वह सिर्फ 10 ओवर पुरानी थी. नई गेंद से स्विंग नहीं हो रही थी और इंग्लैंड के बल्लेबाज़ों को बड़ी राहत मिल गई. भारत ने 271/7 तक इंग्लैंड को झकझोर दिया था, लेकिन गेंद बदलने के बाद अगली विकेट 355 पर गिरी और इंग्लैंड 387 रन बना गया.
ड्यूक, कूकाबुरा और एसजी बॉल में क्या फर्क है?
ड्यूक, कूकाबुरा और एसजी गेंदों में सबसे बड़ा अंतर उनकी सिलाई और सीम (seam) की बनावट में है. ड्यूक और एसजी बॉल पूरी तरह से हाथ से सिली जाती हैं, जबकि कूकाबुरा गेंदों की बाहरी दो लाइन मशीन से सिली जाती हैं. ड्यूक बॉल की सीम उभरी हुई होती है जिससे स्विंग और सीम मूवमेंट बेहतर मिलती है. वहीं कूकाबुरा गेंदों से बहुत ज़्यादा स्विंग नहीं होती, लेकिन यह बाउंस अच्छी देती हैं और ऑस्ट्रेलिया की पिचों पर इस्तेमाल होती हैं. एसजी बॉल भारत जैसी सूखी पिचों के लिए बेहतर होती है और इसमें रिवर्स स्विंग आसानी से मिलती है.
ड्यूक बॉल से जुड़ा मौजूदा विवाद क्यों गहरा है?
मौजूदा ड्यूक बॉल्स का बैच, जो भारत और इंग्लैंड की टेस्ट सीरीज़ में इस्तेमाल हो रहा है, वह जल्दी सॉफ्ट हो रहा है और उसकी शेप जल्दी बिगड़ रही है. इससे तेज़ गेंदबाज़ों को स्विंग नहीं मिल रही और गेंदबाज़ी पर असर पड़ रहा है. इसी कारण से ड्यूक बॉल विवाद चर्चा में है, क्योंकि इससे टेस्ट मैच के संतुलन पर सीधा प्रभाव पड़ा है. यह विवाद केवल एक टीम की नाराज़गी नहीं है, बल्कि यह टेस्ट क्रिकेट में इस्तेमाल हो रही गेंदों की गुणवत्ता पर बड़ा सवाल खड़ा करता है.













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