RBI Withdraws Rs 2000 Note: भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा दो हजार के नोट को वापस लेने के फैसले पर देश में राजनीति गरमा गई है. कांग्रेस समेत अन्य कई विपक्षी दल इसे लेकर मोदी सरकार पर निशाना साध रहे हैं, तो वहीं पलटवार करते हुए भाजपा ने यह आरोप लगाया है कि हताश और मुद्दाविहीन विपक्ष आरबीआई के फैसले को लेकर लोगों में डर का माहौल पैदा कर रहा है. भाजपा आईटी सेल के हेड अमित मालवीय ने विपक्षी दलों द्वारा की जा रही आलोचना पर पलटवार करते अपने ट्विटर अकाउंट से ट्वीट किया। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि देश में नोटों को जारी करने और वापस लेने की अतीत में कई मिसालें हैं और यह कोई पहली बार नहीं हुआ है.
जब आरबीआई दो हजार रुपये के नोट को वापस लेने का निर्णय लेता है तो हताश और मुद्दाविहीन विपक्ष आरबीआई के फैसले को लेकर लोगों में उसी तरह से डर का माहौल पैदा कर रहा है जैसा उसने कोविड महामारी के संकट काल में किया था.मालवीय ने आरोप लगाया कि कोविड महामारी के संकट काल में भी विपक्षी दलों ने कोविड वैक्सीन को लेकर डर का माहौल बनाने की कोशिश की थी। मालवीय ने दो हजार रुपये के नोट को वापस लेने के आरबीआई के फैसले से जुड़े कई तथ्यों को शेयर करते हुए यह बताया कि यह फैसला आरबीआई की 'क्लीन नोट पॉलिसी' के तहत लिया गया है. यह भी पढ़े: RBI Withdraws Rs 2000 Note: 2 हजार के नोट वापस लेने के फैसले पर विपक्ष के निशाने पर मोदी सरकार, कांग्रेस ने कहा- 'पहले करते हैं, फिर सोचते हैं'
उन्होंने आगे कहा कि यह करेंसी स्ट्रक्च र को युक्तिसंगत बनाने और कम मूल्य के नोटों की उपलब्धता में सुधार करने के लिए किए जा रहे प्रयासों का हिस्सा है। और यह आरबीआई द्वारा अपनाई जाने वाली एक सामान्य प्रथा है। साल 2013-14 में भी आरबीआई ने ऐसा ही किया था।
अमित मालवीय ने आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि यह देखा गया है कि दो हजार रुपये के नोट का उपयोग आमतौर पर लेनदेन के लिए नहीं किया जाता है। उन्होंने देश में यूपीआई और डिजिटल पेमेंट के इस्तेमाल के बढ़ने की बात कहते हुए आरबीआई द्वारा दो हजार रुपये के नोट को लेकर की गई कई महत्वपूर्ण घोषणाओं का भी जिक्र किया जिससे लोगों को सुविधा होगी.