मेक इन इंडिया (Make in India) मुहिम के तहत स्वदेश में निर्मित देश की पहली लोकोमोटिव (इंजन रहित) (Engine less Train) ट्रेन 18 (Train 18) ने अपने परीक्षण के दौरान 180 किलोमीटर प्रतिघंटे की गति सीमा पार को सफलता पूर्वक पार किया था. ट्रेन 18 के सफल परीक्षण के बाद भारत में बने ‘ट्रेन-18’ का देश ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी डंका बज रहा है. अब देश की इस चर्चित ट्रेन-18 का नाम जल्द ही बदलने वाला है और अब इसे नए नाम से जाना जाएगा, जिसका ऐलान खुद रेल मंत्री पीयूष गोयल (Railway Minister Piyush Goyal) ने किया है.
रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि ट्रेन 18 अब जल्द ही 'वंदे भारत एक्सप्रेस' के नाम से जानी जाएगी. उन्होंने कहा कि इसका निर्माण भारतीय इंजीनियरों ने भारत में करीब 18 महीनों में किया था. यह दिल्ली से वाराणसी के बीच दौड़ेगी. ट्रेन 18 के सफल परीक्षण के बाद मेक इन इंडिया के तहत विश्व स्तरीय ट्रेनों को बनाने की संभावना बढ़ गई है. यह भी पढ़ें: ‘मेक इन इंडिया’ का दुनिया में बजा डंका: स्वदेशी ट्रेन T-18 को खरीदना चाहते है सिंगापुर, मलेशिया सहित कई देश
Railways Minister P Goyal: Train 18 will now be known as Vande Bharat Express. It's a train built completely in India by Indian engineers, in a span of 18 months. It'll ply from Delhi to Varanasi. It is an example that it's possible to make world-class trains under Make in India. pic.twitter.com/YOO3Mzt84O
— ANI (@ANI) January 27, 2019
बता दें कि भारतीय रेलवे की ‘इंटीग्रल कोच फैक्टरी’ (आईसीएफ) चेन्नई द्वारा बनाई गई अत्याधुनिक ट्रेन 18 को खरीदने में कई देशों ने दिलचस्पी दिखाई है. रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक पेरू, इंडोनेशिया, सिंगापुर, मलेशिया और पश्चिमी एशिया के कुछ देशों ने ट्रेन 18’ का आयात करने में अपनी रूचि दिखाई है. हालांकि अभी तक ट्रेन-18 को दूसरे देशों को बेचने संबधित कोई फैसला नही लिया गया है.
यह हाई स्पीड ट्रेन अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है. दिल्ली-आगरा, सवाई माधोपुर कोटा और मुरादाबाद रूट पर ट्रेन-18 का ट्रायल पूरा हो चुका है. ये ट्रेन पूरी तरह से कंप्यूटरीकृत है. खास तौर पर इसे बुलेट ट्रेन के मॉडल पर तैयार किया गया है. यह भी पढ़ें: देश की पहली इंजन रहित ट्रेन-18 का सफल रहा ट्रायल, मेक इन इंडिया के तहत हुआ है इसका निर्माण
गौरतलब है कि सबसे पहले नवंबर में बरेली मुरादाबाद सेक्शन के स्टैंडर्ड ट्रैक पर इसका ट्रायल हुआ था. इस हाई स्पीड ट्रेन की गति पर पानी की बोतल की स्थिरता चेक की गई. ट्रेन-18 इस टेस्ट में भी सफल हुई और अब ट्रेन 18 वंदे भारत एक्सप्रेस के नाम से जानी जाएगी.