पंजाब: 4 दिन बाद भी संकरे बोरवेल में फंसी 2 साल के मासूम फतेहवीर सिंह की जान, सेना और NDRF रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी
इसी बोरवेल में जिंदगी की जंग लड़ रहा हैं मासूम (Photo Credits: IANS)

चंडीगढ़: पंजाब (Punjab) के संगरूर (Sangrur) में 150 फीट गहरे संकरे बोरवेल में गिरे मासूम फतेहवीर सिंह (Fatehveer Singh) को बाहर निकालने का काम लगातार चौथे दिन भी जारी है. इस बचाव अभियान में स्थानीय प्रशासन के साथ सेना और राष्ट्रीय आपदा अनुक्रिया बल (एनडीआरएफ) दिन-रात जुटी हुई है. हालांकि तमाम तकनीकों के इस्तेमाल के बावजूद भी 2 साल के बच्चे को बोरवेल से निकाला नहीं जा सका है. बोरवेल में फंसे बच्चे को ऑक्सीजन देने के लिए पाइप डाली गई है साथ ही लगातार अंदर के हालात पर नजर बनाए रखने के लिए कैमरा भी बोरवेल में डाला गया है.

मिली जानकारी के मुताबिक जिले के सुनाम इलाके के भगवानपुरा गांव का फतेहवीर सिंह गुरुवार शाम करीब 4 बजे खेलते-खेलते अचानक बोरवेल में गिर गया. इसके बाद मासूम को बचाने के लिए 4 दिनों से रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है. बताया जा रहा है कि हादसे के लगभग 40 घंटे बाद तक बच्चे के शरीर में हलचल देखी गई. घटनास्थल पर चौबीसों घंटे चिकित्सकों की टीम और एंबुलेंस तैनात है.

आज है मासूम का दूसरा बर्थडे- 

इस हादसे में सबसे दर्दनाक बात यह है कि आज यानि 10 जून को ही फतेहवीर का दूसरा जन्मदिन है. बच्चे के पिता सुखजिदर सिंह के मुताबिक फतेहवीर शादी के सात साल बाद पैदा हुआ था. हादसे के बाद से परिवार के सदस्य और ग्रामीण उसकी रक्षा के लिये प्रार्थना कर रहे हैं.

मां के सामने गिरा फतेहवीर- 

इस बोरवेल का उपयोग पिछले साथ साल से नहीं किया जा रहा था. इसलिए बोरवेल के मुंह को कपड़े से ढंक दिया गया था लेकिन खेलते समय बच्चे ने गलती से उस पर अपना पैर रख दिया, जिसके बाद वह नीचे गिर गया. इस दौरान वहां मौजूद उसकी मां ने उसे बचाने की कोशिश की, लेकिन वह नाकाम रही.

फतेहवीर जिस बोरवेल में गिरा है वह करीब 150 फीट गहरा है. अधिकारियों ने कहा कि उसके पास पहुंचने के लिए एक समानांतर सुरंग खोदी जा रही है, माना जा रहा है कि वह बोरवेल में 110 फीट की गहराई में फंसा हुआ है. पहले रस्सी की मदद से बच्चे को बाहर निकालने की कोशिश की गई थी. लेकिन सफलता नहीं मिली. बच्चा जिस स्थान पर फंसा है वहां बोरवेल सात इंच चौड़ा है.

गौरतलब हो कि प्रशासन की लाख कोशिशों के बाद भी ऐसे हादसे कम नहीं हो रहे है. बोरवेल में बच्चों के गिरने की घटनाएं अक्सर सामने आती रहती है. मार्च में हरियाणा के हिसार जिले में दो दिनों तक कड़ी मशक्कत के बाद एक बोरवेल से 18 महीने के बच्चे को बाहर निकाला गया था.