
आपकी नजरों के सामने जब भी हिंदू नववर्ष की तिथि आती है तो आप यह देखकर दुविधा में पड़ जाते हैं कि अंग्रेजी कैलेंडर में जहां आप 2025 (वर्तमान में) में चल रहे होते हैं, वहीं हिंदू कैलेंडर में खुद को कई वर्ष आगे पाते हैं. क्या आपने सोचा है कि दोनों कैलेंडर के मध्य इतना बड़ा अंतर क्यों होता है? यही नहीं हिंदू नववर्ष में और भी ऐसी कई चौंकाने वाली बाते हैं, जिन्हें देखकर आप चौंक सकते हैं. आज हम हिंदू नववर्ष से जुड़े कुछ रोचक फैक्ट के बारे में बात करेंगे.
कैसे होती है हिंदू नववर्ष की गणना?
इस साल हिंदू नववर्ष 30 मार्च 2025 यानी आज मनाया जा रहा है. यह तिथि चैत्र शुक्ल प्रतिपदा यानी पहले दिन पड़ती है. इसके साथ ही नया विक्रम संवत शुरु हो जाएगा. ज्योतिष शास्त्रों के मतानुसार इस वर्ष के राजा सूर्यदेव को मंत्री और सेनापति का पदभार ग्रहण करेंगे. गौरतलब है कि हिंदू कैलेंडर की शुरुआत चैत्र शुक्ल पक्ष से होती है, इसके अनुसार चैत्र मास शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा (पहली तिथि) को हिंदू नववर्ष मनाया जाता है. यह भी पढ़ें : Eid 2025 Mehndi Designs: ईद-उल-फितर के खास मौके पर अपने हाथों की खूबसूरती में लगाएं चार चांद, ट्राई करें ये ईद स्पेशल मेहंदी डिजाइन्स
क्या है विक्रम संवत?
वस्तुतः विक्रम संवत हिंदू पंचांग का कैलेंडर है, जिसे विक्रमी कैलेंडर का नाम से जाना जाता है. हिंदू कैलेंडर 57 ईसा पूर्व प्रारंभ हुआ था. विक्रम संवत की गणना चंद्रमा एवं सूर्य की गति के आधार पर निर्धारित किया जाता है. इसलिए इसे सौर कैलेंडर भी कहा जाता है. सौर कैलेंडर की तिथियों के आधार पर ही हिंदू धर्म के लोग शुभ कार्य मसलन शादी-विवाह, पूजा-अनुष्ठान, अन्य मांगलिक कार्य सम्पन्न करते हैं.
हिंदू कैलेंडर अंग्रेजी कैलेंडर से 57 साल आगे क्यों है?
ऐतिहासिक तथ्यों के अनुसार विक्रम संवत की शुरुआत ईसा से 57 वर्ष पूर्व सम्राट विक्रमादित्य ने की थी, इसलिए हिंदू कैलेंडर अंग्रेजी कैलेंडर से 57 साल आगे रहता है, और इसे प्राचीन कैलेंडर माना जाता है. तभी से विक्रम संवत को हिंदू नववर्ष के रूप में मनाया जा रहा है, और इसी आधार पर इस वर्ष हिंदू कैलेंडर को संवत 2082 कहा जा रहा है
क्या है इसकी धार्मिक मान्यताएं?
हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार भगवान ब्रह्मा ने सृष्टि का निर्माण चैत्र शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा के दिन किया था, इस आधार पर भी चैत्र प्रतिपदा के दिन हिंदू नववर्ष मनाया जाता है. किंवदंतियों के अनुसार इसी दिन भगवान श्रीराम का अयोध्या के राजा के रूप में राज्याभिषेक किया था. इस तरह धार्मिक दृष्टिकोण की वजह से भी हिंदू नववर्ष का महत्व बढ़ जाता है
हिंदू नववर्ष का संक्षिप्त परिचय
* हिंदू वर्ष में भी कुल 12 महीने होते हैं.
* हिंदू मास की शुरुआत चैत्र से और समाप्ति फाल्गुन मास को होती है.
* प्रत्येक मास दो पखवाड़े शुक्ल पक्ष (प्रतिपदा से पूर्णिमा तक) और कृष्ण पक्ष (पूर्णिमा से अमावस्या तक) के रूप में होता है.
* हिंदु तिथि की शुरुआत रात्रि 12 बजे के बजाय सूर्योदय से मानी जाती है.
* हिंदू तिथि की अवधि 19 से 26 घंटे के बीच सूर्योदय और चंद्रोदय के अनुसार होती है.