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Year Ender 2020: भारत-पाकिस्तान संबंध- 2020 में जुबानी जंग ने किया और बदरंग!

गत वर्ष से ही पाकिस्तान अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर अतार्किक तरीके से कश्मीर के मुद्दे को उठाने और भारत पर अनर्गल आरोप लगाने के तमाम नाकाम कोशिशें कर चुका है.

राजनीति Rajesh Srivastav|
Year Ender 2020: भारत-पाकिस्तान संबंध- 2020 में जुबानी जंग ने किया और बदरंग!
इमरान खान और पीएम मोदी (Photo Credits: Facebook/PTI)

Year Ender 2020: साल 2019 के बाद 2020 में भी पूरे साल मौखिक वॉकयुद्ध, राजनयिकों को बुलाने-भेजने और विपक्ष के बढ़ते प्रेशर में प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) द्वारा की गई बेतुकी बयानबाजी ने भारत-पाकिस्तान (Indo-Pak) के रिश्तों को और भी ज्यादा दुषित कर दिया है. पाकिस्तान में पल-पोष रहे आतंकवादी ग्रुप जैश-ए-मोहम्मद द्वारा 2019 में पुलवामा में CRPF के 44 जवानों को मौत के घाट उतारने के जवाब में भारतीय सेना (Indian Army) द्वारा बालाकोट में आतंकी प्रशिक्षण शिविरों में घुसकर हवाई हमले कर उसे नेस्तनाबूद करने की घटना के बाद से ही दोनों देशों के संबंधों के बीच की खाई गहरानी शुरु हो गयी थी. इसके बाद 5 अगस्त 2019 को जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 हटा कर वहां से विशेष दर्जा वापस लेने की घटना के बाद से दोनों देशों के संबंधों में दूरियां बढ़ गई हैं. गौरतलब है कि पाकिस्तान की उम्मीदों के विपरीत बीजेपी सरकार द्वारा अगस्त 2019 में भारतीय संविधान के आर्टिकल 370 को हटाने के बाद पाकिस्तान के इमरान सरकार ने भारत के साथ राजनयिक संबंधों को प्रभावित करने वाले कदम उठाते हुए इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायुक्त को निष्कासित कर दिया.

यही नहीं भारत सरकार के इस फैसले से बौखलाई पाकिस्तानी सरकार ने भारत के साथ सभी हवाई और जमीनी संबंधों को भी खत्म कर दिया, तथा व्यापार एवं रेल सेवाओं को भी प्रतिबंधित करवा दिया. यहां तक कि नये वर्ष 2020 में भी दोनों देशों के बीच रिश्तों के बीच दिन-प्रति-दिन जहर घुलते रहे. पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित सीमा पार आतंकवाद और पाक द्वारा प्रशिक्षित आतंकियों को भारतीय सीमा में घुसाने के मुद्दे पर दोनों देशों के बीच गाहे-बगाहे आरोप-प्रत्यारोप लगते देखे गये. इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायुक्त को निष्कासित करने के जवाब में भारत ने भी पाकिस्तान से नई दिल्ली स्थित उसके उच्चायोग से कर्मचारियों की संख्या घटाने का आदेश दिया है. इस संदर्भ में भारत ने दो टूक शब्दों में कहा कि उसने पाकिस्तानी अधिकारियों द्वारा भारत में जासूसी गतिविधियों में लिप्त होने की घटनाक्रमों और आतंकवादी संगठनों से कारगर तरीके से न निपटने के कारण राजनयिक संबंधों को कम से कम करने का निर्णय लिया है.

यह भी पढ़ें: Pakistan खौफ में, UAE में बोले पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी- भारत फिर कर सकता है सर्जिकल स्ट्राइक

गत वर्ष से ही पाकिस्तान अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर अतार्किक तरीके से कश्मीर के मुद्दे को उठाने और भारत पर अनर्गल आरोप लगाने के तमाम नाकाम कोशिशें कर चुका है. भारत भी अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को स्पष्ट शब्दों में बता चुका है, जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाना उसका अपना मामला है, किसी दूसरे देश को इस संदर्भ में कुछ भी बोलने या आरोप लगाने का कोई हक नहीं बनता. उसने पाकिस्तान को भारत-विरोधी कुप्रचार को बंद करने की चेतावनी देते हुए कहा कि उसे सच्चाई को स्वीकार कर लेनी चाहिए. यद्यपि पाकिस्तान निरंतर elations-750588.html',900, 600)" title="Share on Whatsapp">

राजनीति Rajesh Srivastav|
Year Ender 2020: भारत-पाकिस्तान संबंध- 2020 में जुबानी जंग ने किया और बदरंग!
इमरान खान और पीएम मोदी (Photo Credits: Facebook/PTI)

Year Ender 2020: साल 2019 के बाद 2020 में भी पूरे साल मौखिक वॉकयुद्ध, राजनयिकों को बुलाने-भेजने और विपक्ष के बढ़ते प्रेशर में प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) द्वारा की गई बेतुकी बयानबाजी ने भारत-पाकिस्तान (Indo-Pak) के रिश्तों को और भी ज्यादा दुषित कर दिया है. पाकिस्तान में पल-पोष रहे आतंकवादी ग्रुप जैश-ए-मोहम्मद द्वारा 2019 में पुलवामा में CRPF के 44 जवानों को मौत के घाट उतारने के जवाब में भारतीय सेना (Indian Army) द्वारा बालाकोट में आतंकी प्रशिक्षण शिविरों में घुसकर हवाई हमले कर उसे नेस्तनाबूद करने की घटना के बाद से ही दोनों देशों के संबंधों के बीच की खाई गहरानी शुरु हो गयी थी. इसके बाद 5 अगस्त 2019 को जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 हटा कर वहां से विशेष दर्जा वापस लेने की घटना के बाद से दोनों देशों के संबंधों में दूरियां बढ़ गई हैं. गौरतलब है कि पाकिस्तान की उम्मीदों के विपरीत बीजेपी सरकार द्वारा अगस्त 2019 में भारतीय संविधान के आर्टिकल 370 को हटाने के बाद पाकिस्तान के इमरान सरकार ने भारत के साथ राजनयिक संबंधों को प्रभावित करने वाले कदम उठाते हुए इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायुक्त को निष्कासित कर दिया.

यही नहीं भारत सरकार के इस फैसले से बौखलाई पाकिस्तानी सरकार ने भारत के साथ सभी हवाई और जमीनी संबंधों को भी खत्म कर दिया, तथा व्यापार एवं रेल सेवाओं को भी प्रतिबंधित करवा दिया. यहां तक कि नये वर्ष 2020 में भी दोनों देशों के बीच रिश्तों के बीच दिन-प्रति-दिन जहर घुलते रहे. पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित सीमा पार आतंकवाद और पाक द्वारा प्रशिक्षित आतंकियों को भारतीय सीमा में घुसाने के मुद्दे पर दोनों देशों के बीच गाहे-बगाहे आरोप-प्रत्यारोप लगते देखे गये. इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायुक्त को निष्कासित करने के जवाब में भारत ने भी पाकिस्तान से नई दिल्ली स्थित उसके उच्चायोग से कर्मचारियों की संख्या घटाने का आदेश दिया है. इस संदर्भ में भारत ने दो टूक शब्दों में कहा कि उसने पाकिस्तानी अधिकारियों द्वारा भारत में जासूसी गतिविधियों में लिप्त होने की घटनाक्रमों और आतंकवादी संगठनों से कारगर तरीके से न निपटने के कारण राजनयिक संबंधों को कम से कम करने का निर्णय लिया है.

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गत वर्ष से ही पाकिस्तान अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर अतार्किक तरीके से कश्मीर के मुद्दे को उठाने और भारत पर अनर्गल आरोप लगाने के तमाम नाकाम कोशिशें कर चुका है. भारत भी अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को स्पष्ट शब्दों में बता चुका है, जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाना उसका अपना मामला है, किसी दूसरे देश को इस संदर्भ में कुछ भी बोलने या आरोप लगाने का कोई हक नहीं बनता. उसने पाकिस्तान को भारत-विरोधी कुप्रचार को बंद करने की चेतावनी देते हुए कहा कि उसे सच्चाई को स्वीकार कर लेनी चाहिए. यद्यपि पाकिस्तान निरंतर नियंत्रण रेखा पर संघर्ष विराम के उल्लंघनों को तेज कर तनाव बढ़ाने की कोशिश कर रहा है, जिस वजह से दोनों देशों की सेनाओं ने एक दूसरे के सैनिकों को निशाना बनाकर उनकी जान लेने की कोशिश जारी है.

पाकिस्तान ने भारत पर पेरिस में Money Laundering पर नजर रखने वाली वैश्विक संस्था वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (Financial Action Task Force) की मीटिंग में होने वाली वार्ताओं का राजनीतिकरण करने का भी इल्जाम लगाया है. दरअसल FATF ने पाकिस्तान को फरवरी 2021 तक के लिए ग्रे सूची में शामिल कर लिया है, क्योंकि वह भारत के लिए अति वांछित आतंकवादियों के जमात-उद-दावा प्रमुख हाफिज सईद और जैश-ए-मुहम्मद के सरगना मसूद अजहर के खिलाफ कार्रवाई करने समेत 6 प्रमुख जिम्मेदारियों को पूरा करने में असफल रहा. वर्ष 2020 में हाफिज सईद को आतंकवाद के लिए फाइनेंसिंग के चार मामलों में कुल 21 साल की जेल की सजा सुनाई गई थी. विशेषज्ञों ने इस कदम को पाकिस्तान द्वारा अपनी ग्लोबल ईमेज सुधारने और FATF की ग्रे सूची से बाहर निकालने की कथित प्रयास घोषित कर दिया. इसके साथ ही दोनों देश पाकिस्तान में कथित जासूसी के लिए मृत्यु दण्ड पाये कुलभूषण जाधव को किस प्रकार अपनी बात रखने का मौका दिया जाये, उस पर एकमत बनाने में असफल रहा.

पाकिस्तान की सैनिक अदालत ने मृत्यु दण्ड की सजा सुनाई है, जिसके खिलाफ उन्होंने इस्लामाबाद उच्च न्यायालय में पुनर्विचार याचिका दायर की है. भारत की दलील है कि पाकिस्तान इस मामले से संबद्ध कई महत्वपूर्ण तथ्यों पर जवाब देने में असफल हुआ है. यद्यपि कोविड-19 की महामारी और इस पर नियंत्रण के लिए दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (South Asian Organization for Regional Cooperation) के सदस्यों की संयुक्त कोशिशों से भारत-पाकिस्तान के संबंध मधुर बनाने की उम्मीदें जगी हैं, लेकिन इस्लामाबाद ने SARC की अधिकांश महत्वपूर्ण मंचों का बेजा इस्तेमाल कश्मीर और द्विपक्षीय मुद्दे उठाने के लिए करता आया है. लिहाजा भारत को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये SARC की बैठक में बिना औचित्य के भारत के अंदरूनी मामलों यानी कश्मीर का मुद्दा उठाने पर पाकिस्तान की कड़ी आलोचना की.

भारत ने बताया कि इस्लामाबाद ने इस मंच का दुरुपयोग किया है, क्योंकि यह राजनीतिक नहीं बल्कि मानवीय मंच है. पंजाब प्रांत के सरगोधा विश्वविद्यालय में अंतर्राष्ट्रीय संबंध विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. असफाक अहमद ने कहा कि इस्लामाबाद और नई दिल्ली के बीच विश्वास के अभाव के कारण 2020 में द्विपक्षीय संबंधों को आगे नहीं बढ़ाया जा सका. उन्होंने इस बात का भी कयास लगाया कि यही स्थिति रही तो 2021 में भी इन देशों के बीच अच्छे रिश्तों के बनने की कम ही संभावना दिखती है.

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