
Year Ender 2020: साल 2019 के बाद 2020 में भी पूरे साल मौखिक वॉकयुद्ध, राजनयिकों को बुलाने-भेजने और विपक्ष के बढ़ते प्रेशर में प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) द्वारा की गई बेतुकी बयानबाजी ने भारत-पाकिस्तान (Indo-Pak) के रिश्तों को और भी ज्यादा दुषित कर दिया है. पाकिस्तान में पल-पोष रहे आतंकवादी ग्रुप जैश-ए-मोहम्मद द्वारा 2019 में पुलवामा में CRPF के 44 जवानों को मौत के घाट उतारने के जवाब में भारतीय सेना (Indian Army) द्वारा बालाकोट में आतंकी प्रशिक्षण शिविरों में घुसकर हवाई हमले कर उसे नेस्तनाबूद करने की घटना के बाद से ही दोनों देशों के संबंधों के बीच की खाई गहरानी शुरु हो गयी थी. इसके बाद 5 अगस्त 2019 को जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 हटा कर वहां से विशेष दर्जा वापस लेने की घटना के बाद से दोनों देशों के संबंधों में दूरियां बढ़ गई हैं. गौरतलब है कि पाकिस्तान की उम्मीदों के विपरीत बीजेपी सरकार द्वारा अगस्त 2019 में भारतीय संविधान के आर्टिकल 370 को हटाने के बाद पाकिस्तान के इमरान सरकार ने भारत के साथ राजनयिक संबंधों को प्रभावित करने वाले कदम उठाते हुए इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायुक्त को निष्कासित कर दिया.
यही नहीं भारत सरकार के इस फैसले से बौखलाई पाकिस्तानी सरकार ने भारत के साथ सभी हवाई और जमीनी संबंधों को भी खत्म कर दिया, तथा व्यापार एवं रेल सेवाओं को भी प्रतिबंधित करवा दिया. यहां तक कि नये वर्ष 2020 में भी दोनों देशों के बीच रिश्तों के बीच दिन-प्रति-दिन जहर घुलते रहे. पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित सीमा पार आतंकवाद और पाक द्वारा प्रशिक्षित आतंकियों को भारतीय सीमा में घुसाने के मुद्दे पर दोनों देशों के बीच गाहे-बगाहे आरोप-प्रत्यारोप लगते देखे गये. इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायुक्त को निष्कासित करने के जवाब में भारत ने भी पाकिस्तान से नई दिल्ली स्थित उसके उच्चायोग से कर्मचारियों की संख्या घटाने का आदेश दिया है. इस संदर्भ में भारत ने दो टूक शब्दों में कहा कि उसने पाकिस्तानी अधिकारियों द्वारा भारत में जासूसी गतिविधियों में लिप्त होने की घटनाक्रमों और आतंकवादी संगठनों से कारगर तरीके से न निपटने के कारण राजनयिक संबंधों को कम से कम करने का निर्णय लिया है.
गत वर्ष से ही पाकिस्तान अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर अतार्किक तरीके से कश्मीर के मुद्दे को उठाने और भारत पर अनर्गल आरोप लगाने के तमाम नाकाम कोशिशें कर चुका है. भारत भी अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को स्पष्ट शब्दों में बता चुका है, जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाना उसका अपना मामला है, किसी दूसरे देश को इस संदर्भ में कुछ भी बोलने या आरोप लगाने का कोई हक नहीं बनता. उसने पाकिस्तान को भारत-विरोधी कुप्रचार को बंद करने की चेतावनी देते हुए कहा कि उसे सच्चाई को स्वीकार कर लेनी चाहिए. यद्यपि पाकिस्तान निरंतर elations-750588.html',900, 600)" title="Share on Whatsapp">