लोकसभा चुनाव 2019 (General Election 2019) के लिए बीजेपी एक्शन मोड़ में आ चुकी है. साल 2014 की जीत को दोहराने के लिए पीएम मोदी (PM Narendra Modi) विशेष रणनीति पर काम कर रहे हैं. इस कड़ी में पीएम ने दक्षिण भारत में बीजेपी (BJP) का परचम लहराने के लिए एनडीए (NDA) के पूर्व सहयोगियों को फिर से गठबंधन में शामिल होने का न्योता दिया है. गुरुवार को प्रधानमंत्री ने नमो ऐप (Namo App) के जरिए तमिलनाडु के भारतीय जनता पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित किया इस दौरान प्रधानमंत्री ने तमिलनाडु में अन्य पार्टियों के साथ गठबंधन पर बड़ा बयान दिया.
एक कार्यकर्ता द्वारा जब प्रधानमंत्री से पूछा गया कि क्या बीजेपी आने वाले समय में AIADMK, DMK और रजनीकांत की पार्टी से गठबंधन कर सकती है. तो पीएम ने इस पर जवाब दिया, ’20 साल पहले अटल जी भारतीय राजनीति में गठबंधन की नीति को लाए थे, हम अटल जी की नीति पर ही चलेंगे. एनडीए गठबंधन की नीति पर चलता है’. पीएम के इस जवाब से साफ है कि वे तमिलनाडु में गठबंधन की राजनीति का स्वागत कर रहें हैं. बता दें कि AIADMK और DMK पहले भी केंद्र में बीजेपी की सहयोगी रही हैं. यह भी पढ़ें- मिशन 2019: चुनाव पर ही रहेगा पीएम मोदी का पूरा फोकस, नहीं करेंगे एक भी विदेश दौरा
PM on rumour that BJP may ally with AIADMK/Rajinikanth/DMK:Even when BJP won majority on its own, we preferred to run govt with our allies. We cherish our old friends & our doors are always open for parties. But more than political issues, winning alliance is alliance with people pic.twitter.com/HlzjXp2krj
— ANI (@ANI) January 10, 2019
कार्यकर्ताओं से बातचीत में पीएम ने कहा कि राजनीतिक पार्टियों के दरवाजें हमेशा खुले रहते हैं. उनकी पार्टी पुराने दोस्तों की कद्र करती है. उन्होंने यह भी कहा कि अटल जी सफल गठबंधन की राजनीति की नई संस्कृति लेकर आए हैं और बीजेपी ने हमेशा अटल जी के दिखाए रास्तों का अनुसरण किया है.' पीएम ने कहा जब बीजेपी पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में आई, उसके बाद भी हमने अपने सहयोगियों को साथ लेकर चलने का फैसला किया. उन्होंने कहा कि हम पुराने दोस्तों को साथ रखकर, नए दोस्तों के लिए हमेशा दरवाजा खुला रखते हैं. यह भी पढ़ें- मिशन 2019: राहुल गांधी को रोकने के लिए मोदी नहीं केसीआर बुन रहे हैं जाल, कांग्रेस को हो सकता है बड़ा नुकसान
गौरतलब है कि 2019 के चुनाव में दक्षिण भारत में जीत के लिए बीजेपी अपने पुराने साथियों को साथ लेना चाहती है. गठबंधन बनाकर बीजेपी उन सीटों पर जीत चाहती है जिन सीटों पर पार्टी 2014 में जीत हासिल नहीं कर पाई थी. 2014 में बीजेपी दक्षिण भारत के काफी बड़े हिस्से पर कुछ नहीं कर पाई थी.