राजस्थान में महापंचायत के मद्देनजर राज्य की सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. महापंचायत के को देखते हुए 16 अक्तूबर की मध्यरात्रि से 17 अक्टूबर की आधी रात तक इंटरनेट सेवा को बंद करने का फैसला लिया गया है. जिसके तहत राजस्थान के वीर, भुसावर और भरतपुर जिला के रूपवास में 2जी, 3जी और 4जी डेटा इंटरनेट, व्हाट्सएप, फेसबुक, ट्विटर एवं अन्य सोशल मीडिया (वॉयस कॉल को छोड़कर) की सेवाएं ठप्प रहेंगी. राज्य सरकार के फैसले के पीछे का एक मकसद गुर्जर आंदोलन की संभावना बताई जा रही है. बता दें कि राजस्थान हाई कोर्ट ने गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति को महापंचायत बुलाने की अनुमति दे दी है. लेकिन इस दौरान उन्हें कुछ नियमों का पालन करना होगा. जिसकी जानकारी उन्हें दी गई है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक गुर्जर नेताओं की इस महापंचायत में कई मुद्दों पर चर्चा होनी है. जिसमें आरक्षण के मुद्दे पर चर्चा होगी. महापंचायत में गुर्जरों के आरक्षण के मुद्दे पर नया आंदोलन चलाने को लेकर फैसला लिया जाएगा. गुर्जर समाज ने कई अवसरों पर आरक्षण कानून को संविधान की 9वीं सूची में डालने का मुद्दा उठाया है. बता दें कि इससे पहले गुर्जर नेता कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला ने कहा था कि आंदोलन के दौरान मारे गए लोगों के परिवारों को मुआवजा व नौकरी देने और मुकदमे वापस लेने के लिए सरकार के साथ कई बैठकें हुईं, लेकिन सरकार ने कोई भी मांग पूरी नहीं की. यह भी पढ़ें:- कोरोना महामारी के खिलाफ जन आंदोलन का सकारात्मक असर, केंद्र ने भी की सराहना: CM अशोक गहलोत.
ANI का ट्वीट:-
Rajasthan: 2G/3G/4G data internet services, WhatsApp, Facebook, Twitter & other social media (except voice calls) suspended from midnight of 16th Oct to midnight of 17th Oct in Bayana, Weir, Bhusawar & Rupwas of Bharatpur district in wake of Gujjar Mahapanchayat called tomorrow.
— ANI (@ANI) October 16, 2020
गौरतलब हो कि इससे पहले राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखकर आरोप लगाया था कि राजस्थान में अति पिछड़े वर्ग को सरकारी नौकरियों में कोटा से वंचित किया जा रहा है. उन्होंने सीएम गहलोत के हस्तक्षेप की मांग करते हुए पायलट ने मुख्यमंत्री को याद दिलाया था कि 2018 के चुनावों में कांग्रेस के घोषणापत्र में अति पिछड़े वर्ग के आरक्षण का वादा शामिल था. पायलट ने कहा था, मुझे जो आवेदन मिले हैं उसके अनुसार, पुलिस कांस्टेबल भर्ती-2018 में आरक्षण नहीं दिया जा रहा है. उन्होंने आगे कहा था कि राज्य के विभिन्न क्षेत्रों के कई प्रतिनिधिमंडल उनसे व्यक्तिगत रूप से मिले और शिकायतें बताईं.