Constitution Debate: जम्मू कश्मीर से 370 हटाने के लिए लोहे का जिगर चाहिए था... राज्यसभा में बोले अमित शाह
Amit Shah | ANI

नई दिल्ली: संसद में आज वन नेशन, वन इलेक्शन का प्रावधान करने के लिए संविधान संशोधन विधेयक पेश हो गया है. कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल 'संविधान (129वां संशोधन) विधेयक 2024' लोकसभा में पेश किया. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने राज्‍यसभा में संविधान पर चर्चा का जवाब दिया. इस दौरान शाह ने कहा कि हमें संविधान पर गर्व है. हमारा लोकतंत्र पाताल तक गहरा है. साथ ही उन्‍होंने कहा कि कोई यह न समझे कि हमारा संविधान अन्य देशों के संविधान की नकल है, हमने अन्य संविधानों से अच्छी बातें ली हैं, लेकिन अपनी परंपराओं को नहीं छोड़ा है.

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राज्यसभा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, ''...संसद के दोनों सदनों में जो चर्चा हुई, वह देश के युवाओं के लिए शिक्षणात्मक रहेगी...इससे देश के लोगों को यह समझने में भी मदद मिलेगी कि किस पार्टी ने संविधान का सम्मान किया... मैं सरदार पटेल को धन्यवाद देता हूं उनके अथक परिश्रम के कारण देश एक होकर दुनिया के सामने मजबूती से खड़ा है..."

370 हटाने से तुष्टिकरण की दुकान बंद हो गई

अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस इतने वर्षों तक 370 को गोद में खिलाने का काम करती आई. लोग कहते थे कि खून की नदियां बहने लगेंगी. नरेंद्र मोदी जी दूसरी बार सत्ता में आए और एक ही झटके में इसे हटाने का काम किया. अमित शाह ने कहा, "जम्मू-कश्मीर से 370 हटाने के लिए लोहे का जिगर चाहिए था. खून की नदियां छोड़ो, एक कंकड़ भी चलाने की किसी में हिम्मत नहीं. शाह ने चिनाब ब्रिज से लेकर निर्यात में सभी केंद्र शासित प्रदेशों में जम्मू कश्मीर के नंबर वन पर आने का जिक्र करते हुए कहा कि 1 लाख 19 हजार करोड़ का निवेश आज आ गया है. ये पूछते हैं कि 370 हटाने से क्या हो गया. बताता हूं. इससे आपकी तुष्टिकरण की दुकान बंद हो गई है.

हम दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था: गृह मंत्री

गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, "... जो लोग कहते थे लोकतंत्र इस देश में सफल नहीं होगा, आज 75 साल हो गए. हमारे आसपास भी कई देश स्वतंत्र हुए और नई शुरुआत हुई. लेकिन वहां कई बार लोकतंत्र सफल नहीं हुआ. हमारा लोकतंत्र आज पाताल तक गहरा पहुंचा है. अनेक तानाशाहों के अहंकार को चूर-चूर करने का काम लोकतांत्रिक तरीके से इस देश की जनता ने किया है..." गृह मंत्री ने कहा, ''...जो कहते थे कि हम आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर नहीं हो पाएंगे उन्हें हमारे देश की जनता और हमारे संविधान ने जवाब दिया है ...आज हम दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हैं... आज ब्रिटेन भी अर्थतंत्र की तालिका में हमारे पीछे खड़ा है..."

संविधान में संविधान को कभी भी अपरिवर्तनीय नहीं माना गया

अमित शाह ने कहा, ''...हमारे संविधान में संविधान को कभी भी अपरिवर्तनीय नहीं माना गया है. अनुच्छेद 368 में संविधान में संशोधन का प्रावधान है...कुछ राजनेता 54 वर्ष की आयु में खुद को 'युवा' कहते हैं. संविधान लेकर घूमते रहते हैं और कहते हैं कि संविधान बदल देंगे. मैं बताना चाहता हूं कि संविधान में संशोधन का प्रावधान अनुच्छेद 368 में है...भाजपा ने 16 साल तक शासन किया और हमने संविधान में 22 परिवर्तन किए. ..कांग्रेस ने 55 साल राज किया और 77 परिवर्तन किए..."

कांग्रेस पर बरसे अमित शाह

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, ''...पहला संशोधन 18 जून 1951 को किया गया...संविधान बनने के बाद आम चुनाव में जाने का भी धैर्य कांग्रेस में नहीं था...अनुच्छेद 19 ए अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को कम करने के लिए जोड़ा गया था... उस समय जवाहर लाल नेहरू प्रधानमंत्री थे...''

हारकर EVM को दोष देती है कांग्रेस

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, "...संविधान में 39वें संशोधन ने सभी सीमाएं पार कर दीं. 10 अगस्त, 1975 का दिन हमारे संविधान में काला दिन था. इंदिरा गांधी के चुनाव को इलाहाबाद न्यायालय ने अमान्य घोषित कर दिया... आज वे हार जाते हैं और EVM को दोष देते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने EVM के खिलाफ याचिका को 24 बार खारिज कर दिया. चुनाव आयोग ने EVM को 3 दिन तक रखा कि इसे हैक करके दिखाए. लेकिन कोई नहीं गया...''