नई दिल्ली. कोरोना वायरस (Coronavirus Outbreak) ने भारत में कोहराम मचाया हुआ है. इस वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या देश में तेजी से बढ़ रही है. कोरोना से निपटने के लिए 14 अप्रैल तक लॉकडाउन (Lockdown) का ऐलान किया गया है. लॉकडाउन के चलते अर्थव्यवस्था (Economy) के मोर्चे पर भारत को नुकसान झेलना पड़ रहा है. इसी बीच कोरोना के मद्देनजर मोदी कैबिनेट (Modi Cabinet) ने एक बड़ा फैसला लिया है. जानकारी के अनुसार पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की अध्यक्षता में हुई बैठक में दो बड़े फैसलों पर मुहर लगी है. पहले निर्णय के अनुसार सभी सांसदों की सैलरी में एक साल के लिए 30 प्रतिशत की कटौती की गई है.
वही दूसरे फैसले की बात करें तो उसमें दो साल के लिए MPLAD फंड को खत्म किया गया है.कोरोना वायरस से लड़ने के लिए इस फंड का इस्तेमाल किया जाएगा. केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने इस फैसले की जानकारी देते हुए बताया कि एक साल तक सभी सांसदों की सैलरी में 30 प्रतिशत की कटौती करने का फैसला लिया गया है. यह भी पढ़े-कोरोना के खिलाफ जंग: पीएम मोदी ने कहा- न थकना है न हारना है इस लंबी लड़ाई को जीतना है
ANI का ट्वीट-
Cabinet approves temporary suspension of MPLAD Fund of MPs during 2020-21 & 2021-22 for managing health& adverse impact of outbreak of #COVID19 in India. The consolidated amount of MPLAD Funds for 2 years - Rs 7900 crores - will go to Consolidated Fund of India: Prakash Javadekar pic.twitter.com/Suy20pFLQi
— ANI (@ANI) April 6, 2020
जावड़ेकर ने आगे बताया कि सांसदों की सैलरी में की गई कटौती के बाद जो पैसे आएंगे उसे कोरोना से लड़ने के लिए इस्तेमाल किया जाएगा. इस फैसले को लेकर केंद्र सरकार जल्द ही एक अध्यादेश जारी करने वाली है.
वही देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू और राज्यपाल भी 1 साल तक अपनी सैलरी 30 फीसदी कम लेने जा रहे हैं. बताना चाहते है कि राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और राज्यपालों ने यह फैसला खुद लिया है.