By-Elections 2021: लोकसभा की 3 और 14 राज्यों के विधानसभा की 29 सीटों के लिए रविवार यानी 30 अक्टूबर को उपचुनाव होने जा रहे हैं. लोकसभा के साथ इन राज्यों में होने वाले विधानसभा उप चुनाव को लेकर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है. ताकि मतदान में किसी भी तरह की गड़बड़ी ना पैदा होगा. इस उपचुनाव को भारत का मिनी चुनाव भी कहा जा सकता है क्योंकि उपचुनाव वाले राज्यों की भौगोलिक स्थिति के आधार पर देखा जाए तो यह उपचुनाव भारत के सभी हिस्सों - उत्तर , दक्षिण, पूर्व , पश्चिम , मध्य और पूर्वोत्तर के राज्यों में हो रहे हैं. जाहिर है कि भारत के सभी हिस्सों में होने जा रहे इन उपचुनावों को देश की जनता का मूड भांपने के लिहाज से काफी अहम माना जा रहा है.
चुनाव आयोग द्वारा घोषित कार्यक्रम के अनुसार 30 अक्टूबर को असम की 5 , पश्चिम बंगाल की 4 , हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश और मेघालय की 3-3 , बिहार, कर्नाटक और राजस्थान की 2-2 विधान सभा सीटों के अलावा आन्ध्र प्रदेश, हरियाणा, महाराष्ट्र, मिजोरम और तेलंगाना की 1-1 विधान सभा सीट पर भी उपचुनाव होने जा रहा है. इन 29 विधानसभा सीटों के साथ ही शनिवार को मध्य प्रदेश , हिमाचल प्रदेश और दादरा और नागर हवेली की 1-1 लोकसभा सीट पर भी उपचुनाव होने जा रहा है. इन वोटों की गिनती 2 नवंबर को की जाएगी. यह भी पढ़े: Bihar by-Elections 2021: उपचुनावों में राजद की जीत होने पर बिहार में ‘‘खेला’’ हो सकता है- तेजस्वी यादव
बीजेपी जहां इस उपचुनाव के जरिए एक बार फिर से यह साबित करना चाहती है कि वो अभी भी देश में सबसे ज्यादा लोकप्रिय राजनीतिक दल है और एनडीए गठबंधन को चुनाव में हराना आसान नहीं है वहीं कांग्रेस की कोशिश अपनी खोई जमीन को फिर से हासिल करना है. जबकि ममता बनर्जी, लालू यादव और जगन मोहन रेड्डी जैसे क्षेत्रीय क्षत्रप जीत हासिल कर यह साबित करना चाहते हैं कि राज्य में उन्हे हराना आसान नहीं है.