Amit Shah On Manipur Violence: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह इस वक्त मणिपुर के दौरे पर हैं. अपने दौरे के चौथे दिन इंफाल पहुंचे अमित शाह ने कहा कि '29 अप्रैल को मणिपुर हाईकोर्ट के एक जल्दबाज फैसले के कारण यहां पर जातीय हिंसा और दो ग्रुप के बीच में हिंसा की शुरुआत हुई.
भारत के उत्तर-पूर्वी राज्य मणिपुर में 3 मई 2023 को मेइतेई लोगों के बीच एक जातीय संघर्ष छिड़ गई, जो इंफाल घाटी में रहने वाले बहुसंख्यक और कुकी और ज़ो लोगों सहित आसपास की पहाड़ियों के आदिवासी समुदाय हैं. इस हिंसा में 70 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी और सैकड़ों घायल हो गए थे. वहीं हिंसा के बाद अब तक 40 विद्रोहिंयों को भी मार गिराया गया है. साथ ही अभी भी कई इलाकों में तनाव का माहौल है. ये भी पढ़ें- Madhya Pradesh: स्कूल पर लगा हिंदू छात्राओं को हिजाब पहनाने का आरोप, जांच के आदेश
मणिपुर में बहुसंख्यक मेइती समुदाय द्वारा उसे अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा दिए जाने की मांग के विरोध में ‘ऑल ट्राइबल स्टूडेंट यूनियन मणिपुर’ (एटीएसयूएम) की ओर से बुधवार को आयोजित ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के दौरान चुराचांदपुर जिले के तोरबंग क्षेत्र में हिंसा भड़क गई थी, जो रातोंरात पूरे राज्य में फैल गई थी.
मैतेई लोगों ने दावा किया कि आदिवासी समुदाय ने उनकी जमीन पर कब्जा कर लिया है, जबकि आदिवासी समुदाय का दावा है कि वे पीढ़ियों से जमीन पर रह रहे हैं. विवाद कुछ समय से उबल रहा था, लेकिन यह 3 मई को उस समय चरम पर पहुंच गया जब मेइती लोगों के एक समूह ने एक आदिवासी गांव पर हमला कर दिया.
#WATCH 29 अप्रैल को मणिपुर हाईकोर्ट के एक जल्दबाज फैसले के कारण यहां पर जातीय हिंसा और दो ग्रुप के बीच में हिंसा की शुरुआत हुई: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, इंफाल pic.twitter.com/vtDhUKzX1D
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 1, 2023
हिंसा तेजी से राज्य के अन्य हिस्सों में फैल गई, और व्यवस्था बहाल करने के लिए भारतीय सेना को बुलाया गया. सेना ने प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया और हिंसा पर काबू पाने में कई दिन लग गए.
मणिपुर हिंसा के कुछ कारण इस प्रकार हैं:
भूमि विवाद: मैतेई लोग और आदिवासी समुदाय कई वर्षों से जमीन पर लड़ रहे हैं. मेइती लोगों का दावा है कि आदिवासी समुदाय ने उनकी जमीन पर कब्जा कर लिया है, जबकि आदिवासी समुदाय का दावा है कि वे पीढ़ियों से जमीन पर रह रहे हैं.
जातीय तनाव: मणिपुर राज्य विभिन्न प्रकार के जातीय समूहों का घर है, और अक्सर भूमि और संसाधनों के लिए प्रतिस्पर्धा होती है. इससे विभिन्न समूहों के बीच तनाव पैदा हो गया है, जो कभी-कभी हिंसा में बदल गया है.
राजनीतिक अस्थिरता: मणिपुर राज्य कई वर्षों से राजनीतिक अस्थिरता से ग्रस्त रहा है. इससे सरकार के लिए हिंसा के मूल कारणों को दूर करना मुश्किल हो गया है, और कानून व्यवस्था बनाए रखना भी मुश्किल हो गया है.