कश्मीर मामले पर तुर्की को पाकिस्तान का समर्थन करना भारी पड़ गया है. तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगान द्वारा संयुक्त राष्ट्र महासभा में कश्मीर मुद्दा उठाने और तुर्की के जरिए फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) बैठक में खुलकर पाकिस्तान का साथ देने के बाद भारत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रस्तावित तुर्की यात्रा को रद्द कर दिया है. एफएटीएफ की पेरिस में हुई बैठक के दौरान भी तुर्की ने पाकिस्तान का ही साथ दिया था. तुर्की, मलेशिया और चीन के सहयोग से आतंकी देश ब्लैकलिस्ट होने से बच गया. तुर्की द्वारा पाकिस्तान को बार-बार समर्थन करने के चलते ही पीएम मोदी ने अपने दो दिवसीय दौरे को रद्द कर दिया है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पीएम मोदी एक बड़े निवेश सम्मेलन में भाग लेने के लिए 27-28 अक्टूबर को सऊदी अरब जा रहे हैं. वहां से उन्हें तुर्की जाना था लेकिन अब वह यह दौरा रद्द हो चुका है. प्रधानमंत्री की यात्रा को लेकर विदेश मंत्रालय ने कोई जानकारी नहीं दी है.
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तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगान ने कश्मीर पर पाकिस्तान का समर्थन करते हुए कहा था कि जम्मू-कश्मीर पर में आठ लाख लोग कैद में हैं. इसके जवाब में भारत ने कहा था, "यह पूरी तरह से भारत का आंतरिक मामला है, हम तुर्की सरकार से आग्रह करते हैं कि वह इस मुद्दे पर कोई और बयान देने से पहले जमीनी हकीकत को ठीक प्रकार से समझ ले. इससे पहले कश्मीर मामले में पाकिस्तान का समर्थन करने पर केंद्र सरकार ने मलेशिया और तुर्की से आयात पर पाबंदी का भी फैसला लिया है.
(आईएएनएस इनपुट के साथ)