त्रिपुरा हाई कोर्ट ने हाल ही में कहा कि ग्रेच्युटी भुगतान अधिनियम, 1972, राज्य में काम करने वाली आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं (एडब्ल्यूडब्ल्यू) और आंगनवाड़ी सहायिकाओं (एडब्ल्यूएच) पर लागू होता है. जस्टिस एस दत्ता पुरकायस्थ की उच्च न्यायालय पीठ ने आगे कहा कि इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला त्रिपुरा पर भी समान रूप से लागू होता है. "माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने कानून के अर्थ के भीतर 'स्थापना' की परिभाषा की जांच करते हुए, सरकारी कार्यालयों को शामिल करने के लिए मणिबेन के मामले में अनुबंध श्रम (विनियमन और उन्मूलन) अधिनियम, 1970 और वेतन संहिता, 2019 के प्रावधानों का उल्लेख किया. अदालत ने कहा, उपरोक्त दोनों अधिनियम त्रिपुरा और गुजरात में समान रूप से लागू होते हैं.'' अदालत ने उन याचिकाकर्ताओं की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की, जो गहन बाल विकास सेवा योजना (आईसीडीएस योजना) के तहत आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं (एडब्ल्यूडब्ल्यू) और आंगनवाड़ी सहायिकाओं (एडब्ल्यूएच) के रूप में कार्यरत थे.

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