संगमनेर, 26 दिसंबर: 12 वर्षीय लड़के का शव 24 दिसंबर की शाम को संगमनेर तालुका के राजापुर के पास एक खाली पड़े कुएं के तल में उसके अपहरण के कुछ दिन बाद मिला. यह चौंकाने वाला खुलासा तब हुआ जब 11 दिसंबर को लड़के को स्कूल से ले जाने वाला व्यक्ति उसी दिन अपने घर पर आत्महत्या करते हुए मृत पाया गया. जांचकर्ताओं को संदेह है कि लड़के की हत्या उसके अपहरण के तुरंत बाद की गई थी, और कथित तौर पर उस व्यक्ति ने एक परिचित के सामने अपराध कबूल किया था. यह मामला 11 दिसंबर को प्रकाश में आया, जब 12 वर्षीय लड़के के अम्बेगांव के निरगुडसर स्थित अपने स्कूल से लापता होने की सूचना मिली. टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, लड़के के पिता को स्कूल के कर्मचारियों ने बताया कि उनका बेटा संगमनेर से एक "परिचित" के साथ चला गया है. यह भी पढ़ें: Agra Shocker: रॉ एजेंट बनकर जिम ट्रेनर ने टिंडर पर मिली कनाडाई महिला के साथ किया रेप, वीडियो बनाकर दोस्त के साथ संबंध बनाने को किया मजबूर
चिंतित पिता ने तुरंत परगांव (खंडाला) पुलिस में गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई. स्कूल से निगरानी फुटेज ने पुष्टि की कि लड़का और वह व्यक्ति एक साथ जा रहे थे, जिससे अपहरण में लिव-इन पार्टनर की संलिप्तता के बारे में संदेह पैदा हुआ. स्थानीय पुलिस और अपराध शाखा द्वारा गहन तलाशी के बावजूद, लड़का और उसका साथी लापता रहे, जिससे चिंता और बढ़ गई. 24 दिसंबर की सुबह, एक बड़ी सफलता तब मिली जब साथी का शव संगमनेर तालुका के घुलेवाड़ी में उसके घर के अंदर लटका हुआ मिला.
जांचकर्ताओं को एक सुसाइड नोट मिला जिसमें लड़के की मां का नाम तो लिखा था, लेकिन बच्चे के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई थी. साथी के मोबाइल फोन रिकॉर्ड की गहन जांच के बाद पुलिस ने उसके परिचितों से पूछताछ की. उनमें से एक ने खुलासा किया कि शराब पीते समय उस व्यक्ति ने लड़के की हत्या करने और शव को सूखे कुएं में फेंकने की बात कबूल की थी.
इस खुलासे के बाद अधिकारी राजापुर के उस खाली पड़े कुएं पर पहुंचे, जहां लड़के का सड़ा-गला शव मिला. रिपोर्ट के अनुसार, लड़के की मां पिछले साल हुई मारपीट सहित हिंसक घटनाओं के इतिहास के कारण सालों पहले अपने साथी से अलग हो गई थी, जिसके लिए साथी पर मुकदमा चल रहा था. अलग होने के बाद, मां अपने बच्चों की सुरक्षा के डर से उन्हें अपने पूर्व पति के साथ रहने के लिए ले गई थी. पुलिस का मानना है कि साथी ने लड़के का अपहरण इसलिए किया था ताकि मां पर उसके खिलाफ लगाए गए मारपीट के आरोपों को वापस लेने का दबाव बनाया जा सके, जिसके कारण आखिरकार लड़के की दुखद मौत हो गई.
आत्महत्या रोकथाम और मानसिक स्वास्थ्य हेल्पलाइन नंबर:
टेली मानस (स्वास्थ्य मंत्रालय) – 14416 या 1800 891 4416; निमहंस – + 91 80 26995000 /5100 /5200 /5300 /5400; पीक माइंड – 080-456 87786; वंद्रेवाला फाउंडेशन – 9999 666 555; अर्पिता आत्महत्या रोकथाम हेल्पलाइन – 080-23655557; आईकॉल – 022-25521111 और 9152987821; सीओओजे मानसिक स्वास्थ्य फाउंडेशन (सीओओजे) – 0832-2252525।