इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने रियाज़ उर्फ ओवैसी नामक एक व्यक्ति को जमानत दे दी है, जिस पर फेसबुक पर भगवान राम का अपमान करने का आरोप था. न्यायमूर्ति समीर जैन की पीठ ने रियाज़ द्वारा पुलिस स्टेशन में बिना शर्त माफ़ी मांगने के बाद उसे जमानत दी.
जमानत का आधार
कोई आपराधिक इतिहास नहीं: अदालत ने ध्यान दिया कि रियाज़ का कोई पूर्व आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है और वह 28 जनवरी, 2024 से हिरासत में है.
सजा की अवधि: अदालत ने यह भी माना कि उसके खिलाफ लगाए गए सभी आरोपों में अधिकतम तीन साल की सजा का प्रावधान है.
बिना शर्त माफी: रियाज़ ने पुलिस स्टेशन में बिना शर्त माफ़ी मांगी थी, जिसे अदालत ने जमानत देते समय ध्यान में रखा.
Allahabad High Court Grants Bail To Man Accused Of Abusing Lord Rama Considering His Unconditional Apology | @ISparshUpadhyay #LordRama #AllahabadHighCourt https://t.co/MMisfCflgP
— Live Law (@LiveLawIndia) April 17, 2024
आरोप और बचाव पक्ष की दलीलें
रियाज़ पर भारतीय दंड संहिता की धारा 153-A, 295-A, 505(2) और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 67 के तहत मामला दर्ज किया गया था. आरोप था कि उसने अपने फेसबुक अकाउंट के माध्यम से भगवान राम का अपमान किया था.
रियाज़ के वकील ने तर्क दिया कि वह निर्दोष है और उसने कभी भी भगवान राम का अपमान नहीं किया. उन्होंने कहा कि किसी और ने उसके अकाउंट का इस्तेमाल करके कथित पोस्ट की है. उन्होंने यह भी कहा कि रियाज़ एक कानून का पालन करने वाला नागरिक है और मुस्लिम होते हुए भी उसे हिंदू धर्म में आस्था है. जब उसे पता चला कि कथित पोस्ट की गई है, तो उसने पुलिस स्टेशन में बिना शर्त माफ़ी मांगी.
अदालत का फैसला
अदालत ने रियाज़ की बिना शर्त माफ़ी और उसके कोई आपराधिक इतिहास न होने पर विचार करते हुए उसे जमानत दे दी. उसे एक निजी मुचलके और दो जमानतदारों को पेश करने का निर्देश दिया गया है.