Assam Floods: असम में बाढ़ से मचा कोहराम! घर टूटे, सड़के डूबीं, जानवर भी हुए बेबस, चारो तरफ सिर्फ पानी ही पानी
असम में बाढ़ से जनजीवन अस्त व्यस्त ( फोटो क्रेडिट- ANI)

असम में बाढ़ ने लोगों की जिंदगी को पटरी से उतार कर तरबतर कर दिया है. असम में आई इस आपदा से इंसान ही नहीं बल्कि जानवर भी जूझ रहे हैं. असम में बाढ़ के कारण लाखों लोग बेघर हो गए हैं और 100 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है. असम में सबसे अधिक ब्रह्मपुत्र नदी ने कोहराम मचाया हुआ है. जिसके कारण राज्य में अधिकतर हिस्सों में बाढ़ के चलते लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. असम में 28 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. वहीं काजीरंगा नेशनल पार्क में बाढ़ के कारण अब तक 116 जानवरों की मौत हो चुकी है. इस आपदा से निपटने के लिए राज्य सरकार और केंद्र सरकार दोनों ही अपनी पूरी कोशिश कर रहे हैं. लेकिन जलस्तर का बढ़ना और भूस्खलन के कारण भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है.

एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक तिनसुकिया के बाढ़ प्रभावित इलाके के एक निवासी ने आपबीती बताया, ये हमारा स्कूल था, अब ये भी चला गया. जो लोग यहां रुके थे वो अब एक शिविर में चले गए हैं. सरकार अभी राशन-पानी दे रही है. बाढ़ तो हर साल आती है, उससे परेशानी नहीं है. लेकिन इस बार ज्यादा मिट्टी बहने से परेशानी बढ़ी है. दरअसल पूर्वोत्तर सहित उत्तर प्रदेश और बिहार में लगातार हो रही तेज बारिश से इन राज्यों में बाढ़ आ गई है. यह भी पढ़ें:- असम-बिहार और यूपी में आई बाढ़ पर प्रियंका गांधी बोली- प्रभावित लोगों की मदद के लिए कांग्रेस कार्यकर्ता तत्पर.

ANI का ट्वीट:- 

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वहीं मुख्यमंत्री ने पहले ही सभी जिलों के उपायुक्तों को बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए राहत सामग्री, चिकित्सा सुविधा और पशुओं के लिए चारे की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए निर्देशित कर दिया है. असम के धेमाजी, लखीमपुर, बिश्वनाथ, दर्रांग, बक्सा, नलबारी, बारपेटा, चिरांग, बोंगईगांव, कोकराझार, धुबरी, दक्षिण सलमारा, गोलपारा, कामरूप, कामरूप महानगर, मोरीगांव, नगांव, गोलाघाट, जोरहाट, माजुली, शिवसागर, डिब्रूगढ़, तिनसुकिया और कछार जिलों में बाढ़ से 24.3 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं. जिसकी संख्या लगातार बढ़ती जा रही है.