
मापुटो: दक्षिण पूर्वी अफ्रीकी देश मोजाम्बिक (Mozambique) में चक्रवाती तूफान इडाई (Cyclone Idai) ने भयंकर तबाही मचा दी है. इस प्राकृतिक आपदा में अब तक 1000 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है. पिछले शुक्रवार को आई इस तबाही ने हजारों लोगों को भुखमरी के कगार पर लाकर खड़ा कर दिया है. फिलहाल जान-माल के नुकसान का सही अकड़ा नहीं सामने नहीं आ पाया है. उधर मोजाम्बिक सरकार की मदद की गुहार के बाद भारत ने अपने तीन जंगी जहाजों को मदद के लिए भेजा है.
चक्रवाती तूफान ‘इडाई’ से मची तबाही से उबरने के लिए मोजाम्बिक ने भारत से सहायता मांगी थी. जिसके बाद भारतीय नौसेना ने अपने तीन जहाजो सुजाता, सारथी और शार्दूल को मोजांबिक पोर्ट बीरा भेज दिया. आईएनएस सुजाता और आईसीजीएस सारथी 18 मार्च की सुबह पोर्ट बीरा पंहुचे जबकि आईएनए शार्दूल 19 मार्च को पोर्ट बीरा पंहुचा और उसके बाद से स्थानीय प्रशासन को आवश्यक सहायता प्रदान कर रहे हैं.
चक्रवाती तूफान इदाई ने 15 मार्च की सुबह बीरा में व्यापक नुकसान पहुचांया. पोर्ट बीरा के पास लगभग पांच हजार लोगो के असहाय स्थिति में फंसे होने की जानकारी सामने आई है, जिन्हें तुंरत निकालने की आवश्यकता है. प्रभावित लोगो को सुरक्षित निकालने के लिए भारतीय नौसेना के जहाजो द्वारा स्थानीय प्रशासन के साथ विचार-विमर्श कर समन्वय किया जा रहा है.
South-South solidarity in theory & practice.
India’s diplomats in Buenos Aires @UN meet #BAPA40 to promote South-South cooperation.
India’s navy is early responder with supplies at Port Beira, Mozambique after Cyclone #Idai
(Photos courtesy of a friend from the South)🙏🏽 pic.twitter.com/GHeQnRK7N9
— Syed Akbaruddin (@AkbaruddinIndia) March 20, 2019
गृह मंत्रालय के मुताबिक मोजांबिक के रक्षा प्रशासन को खाद्य, दवाई और वस्त्र संबधी सामान पूर्ण रूप से प्रदान किया गया है और इसके साथ ही पेयजल को पहुंचाया जा रहा है. इसके साथ ही भारतीय नौसेना के जहाज स्थानीय प्रशासन की आवश्यकता के अनुसार स्वास्थ शिविर स्थापित करेंगे और खाना,पेयजल, कंबल और अन्य आवश्यक राहत सामग्री प्रदान करेंगे.
वरिष्ठ अधिकारी कैप्टन वरूण सिंह ने बताया कि राहत कार्यो में सहायता प्रदान करने के लिए भारतीय नौसेना के जहाज कोई कसर नहीं छोडेंगे. आईएनएस शार्दुल के हैलीकॉप्टर स्थानीय हवाई अड्डो से निगरानी करने और बचाव तथा राहत कार्य में कार्यरत हैं. इसके साथ ही फंसे हुए लोगो की मदद करने के लिए नावों, लैंडिग क्राफ्ट एसाल्ट और जैमिनी नावों की मदद ली जाएगी.