Bohag Bihu 2025 Wishes: बोहाग बिहू के इन शानदार WhatsApp Stickers, HD Images, GIF Greetings, Wallpapers को भेजकर दें अपनों को बधाई
बोहाग बिहू 2025 (Photo Credits: File Image)

Bohag Bihu 2025 Wishes in Hindi: हिंदू धर्म में जहां चैत्र मास का विशेष महत्व बताया जाता है तो वहीं बैसाख का महीना भी काफी मायने रखता है, क्योंकि इस महीने सौर नववर्ष (Solar New Year) की शुरुआत होती है. मेष संक्रांति (Mesh Sankranti) के दिन असम में बोहाग बिहू के पर्व को नए साल के तौर पर मनाया जाता है. जिसे रोंगाली बिहू (Rongali Bihu), वहाग बिहू और हत बिहू भी कहा जाता है. असम में इस पर्व को सात दिनों तक अलग-अलग अनुष्ठानों के साथ मनाया जाता है. इस साल बोहाग बिहू का त्योहार 14 अप्रैल 2025 को मनाया जा रहा है. इस पर्व को पंजाब (Punjab) और हरियाणा (Haryana) में बैसाखी (Baisakhi), तमिलनाडु में पुथांडु (Puthandu), बिहार में जुड़ शीतल (Jur Sital), ओडिशा में पना संक्रांति (Pana Sankranti) के तौर पर मनाया जाता है. यह पर्व कटाई के मौसम और हिंदू सौर कैलेंडर की शुरुआत का प्रतीक है.

किसानों और रबी की फसलों को समर्पित बोहाग बिहू का उत्सव असम में एक हफ्ते तक मनाया जाता है. इस पर्व का पहला दिन पशुधन को समर्पित है, जबकि दूसरे दिन को मनुआ कहा जाता है और तीसरा दिन देवताओं को समर्पित होता है. बोहाग बिहू के इस खास अवसर पर आप इन शानदार विशेज, वॉट्सऐप स्टिकर्स, एचडी इमेजेस, जीआईएफ ग्रीटिंग्स, वॉलपेपर्स को भेजकर अपनों को बधाई दे सकते हैं.

1- बोहाग बिहू की शुभकामनाएं

बोहाग बिहू 2025 (Photo Credits: File Image)

2- बोहाग बिहू की हार्दिक बधाई

बोहाग बिहू 2025 (Photo Credits: File Image)

3- हैप्पी बोहाग बिहू

बोहाग बिहू 2025 (Photo Credits: File Image)

4- शुभ बोहाग बिहू

बोहाग बिहू 2025 (Photo Credits: File Image)

5- बोहाग बिहू 2025

बोहाग बिहू 2025 (Photo Credits: File Image)

गौरतलब है कि बोहाग बिहू उत्सव के दौरान लोग रबी की फसल की कटाई के बाद भगवान को अनाज अर्पित कर उनके प्रति अपना आभार व्यक्त करते हैं. इस दिन पुरुष और महिलाएं पारंपरिक परिधान में ढोल, बांसुरी, पेपा और ताल की थाप पर बिहू नृत्य करते हैं. कहा जाता है कि बोहाग बिहू पर्व के दौरान ढोल बजाने से इंद्र देव प्रसन्न होते हैं और अच्छी बरसात होती है, जिससे फसलों की पैदावार काफी अच्छी होती है. इसके साथ ही इस दिन पशुधन की पूजा की जाती है और घरों में नारियल, चावल, तिल व दूध से कई लजीज पकवान बनाए जाते हैं.