IMD Weather Update: इस साल मानसून की वापसी में देरी हो रही है, जिसका प्रमुख कारण पश्चिम और मध्य भारत में सक्रिय चक्रवाती परिसंचरण (Cyclonic Circulation) है. इस कारण इन क्षेत्रों में भारी बारिश हो रही है और मौसम का मिजाज अब तक ठंडा पड़ने का नाम नहीं ले रहा है. भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, मानसून की वापसी की प्रक्रिया धीमी पड़ गई है. मंगलवार को राजस्थान, गुजरात, पंजाब और हरियाणा के कुछ हिस्सों से मानसून की वापसी शुरू हो गई थी.
हालांकि, अब चक्रवाती परिसंचरण के कारण यह प्रक्रिया धीमी हो गई है. IMD के निदेशक एम. मोहापात्रा के अनुसार, "मानसून अभी बहुत सक्रिय है क्योंकि यह एक बड़े पैमाने पर फैला हुआ चक्रवाती परिसंचरण है, जो पूर्व से पश्चिम तक फैला हुआ है. जब तक यह प्रणाली कमजोर नहीं होती, तब तक मानसून की वापसी में कोई प्रगति नहीं होगी."
कई राज्यों में भारी बारिश की चेतावनी
मौसम विभाग ने मध्य और पश्चिमी भारत में भारी से अत्यधिक भारी बारिश जारी है. IMD का पूर्वानुमान है कि 28 सितंबर तक इन क्षेत्रों में बारिश जारी रह सकती है. अगले 2-3 दिनों तक बारिश की गतिविधि में वृद्धि होगी और पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र, मध्य, पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत में भारी बारिश की संभावना है. कोंकण, गोवा, मध्य महाराष्ट्र, गुजरात, और पश्चिम बंगाल के उप-हिमालयी क्षेत्रों में शुक्रवार तक अत्यधिक भारी बारिश होने की संभावना है.
मौसम विभाग ने बताया कि अगले दो दिनों तक महाराष्ट्र के कई इलाकों में भारी बारिश देखने को मिल सकती है. आईएमडी के मुताबिक असम मेघालय, पश्चिमी मध्य प्रदेश, उत्तराखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश में भी भारी बारिश हो सकती है. अरुणाचल प्रदेश में भी बारिश की चेतावनी जारी की गई है. नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में भी भारी बारिश की आशंका है.
इस साल बारिश के आंकड़े
- इस साल 1 जून से 5% अतिरिक्त बारिश हुई है.
- उत्तर पश्चिम भारत में 4% अतिरिक्त बारिश हुई है.
- मध्य भारत में 16% अतिरिक्त बारिश हुई.
- दक्षिण प्रायद्वीप में 16% अतिरिक्त बारिश हुई
- पूर्व और पूर्वोत्तर भारत में 17% की कमी दर्ज की गई.
मानसून वापसी की सामान्य प्रक्रिया
मानसून की वापसी आमतौर पर 17 सितंबर को शुरू होती है और 15 अक्टूबर तक पूरे देश से मानसून की विदाई हो जाती है. इस वर्ष, चक्रवाती परिसंचरण ने मानसून की वापसी को धीमा कर दिया है, खासकर पश्चिमी और मध्य भारत में. मध्य महाराष्ट्र और इसके आसपास के क्षेत्रों में चक्रवाती परिसंचरण मध्य-क्षोभमंडल स्तर तक फैला हुआ है, जो बारिश को और बढ़ावा दे रहा है. साथ ही, इस परिसंचरण से एक ट्रफ उत्तरी बांग्लादेश तक फैली हुई है, जो बारिश की गतिविधियों को और बढ़ा रहा है.
चक्रवाती परिसंचरण के चलते मानसून की वापसी की गति धीमी हो गई है और इससे देश के कई हिस्सों में भारी बारिश हो रही है. हालांकि, यह प्रणाली कब कमजोर होगी, इस पर ही मानसून की वापसी निर्भर करेगी.