Rashmi Shukla: IPS रश्मि शुक्ला फिर महाराष्ट्र की DGP पद पर नियुक्त, चुनाव से पहले विपक्ष की शिकायत पर EC ने हटाया था
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IPS Rashmi Shukla: महाराष्ट्र चुनाव से पहले विपक्ष की शिकायत के बाद चुनाव आयोग ने IPS रश्मी शुक्ला को DGP पद से हटा दिया था. सरकार ने विधानसभा चुनाव खत्म होने के तुंरत बाद IPS अधिकारी रश्मि शुक्ला को एक बार फिर महाराष्ट्र के पुलिस महानिदेशक (DGP) के रूप में नियुक्त किया है. राज्य के गृह विभाग द्वारा सोमवार शाम जारी एक आदेश में यह जानकारी दी गई.

रश्मी शुक्ला के दबादले के बाद आईपीएस संजय वर्मा (IPS Sanjay Verma) को महाराष्ट्र का नया डीजीपी बनाया गया है. रश्मि शुक्ला को पद से हटाए जाने के बाद चुनाव आयोग ने राज्य सरकार से तीन आईपीएस अधिकारी के नाम मांगे थे, जिन्हें डीजीपी पद की कमान सौंपी जा सकती है. इसी क्रम में राज्य सरकार द्वारा सौंपे गए नामों में संजय वर्मा सबसे वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों में से एक थे. जिन्हें राज्य का DGP बनाया गया था. आईपीएस संजय वर्मा 1990 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं. यह भी पढ़े: रश्मि शुक्ला को देवेंद्र फडणवीस ने गैरकानूनी तरीके से डीजीपी नियुक्त किया था: संजय राउत

नाना पटोले ने EC में थी शिकायत:

नाना पटोले ने आरोप लगाया लगाया था कि रश्मि शुक्ला एक आईपीएस अधिकारी होते हुए भी भाजपा को समर्थन देने का काम कर रही थीं और विपक्ष के नेताओं की फोन टैपिंग जैसी गतिविधियों में लिप्त थीं. उनके इतनी शिकायतों के बावजूद, आयोग ने कार्रवाई करने में विलंब किया, जो गंभीर चिंता का विषय है। रश्मि शुक्ला की भूमिका पर विपक्ष पहले भी सवाल उठा चुका है.

रश्मि शुक्ला को फडणवीस का करीबी माना जाता है?

रश्मि शुक्ला को देवेंद्र फडणवीस का करीबी माना जाता है. रश्मि शुक्ला के बारे में बताया जाता है कि उन्होंने अपने जीवन में जितने उतार चढ़ाव देखे हैं, शायद ही किसी अधिकारी ने उतने उतार-चढ़ाव देखे हों। रश्मि शुक्ला को इसी साल जनवरी में महाराष्ट्र का डीजीपी बनाया गया था. वो जून में रिटायर होने वाली थीं. लेकिन, उनका कार्यकाल बढ़ा दिया गया था, जिसे लेकर कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों ने सवाल भी उठाए थे.

1988 बैच की आईपीएस अधिकारी रश्मि शुक्ला

रश्मि शुक्ला  1988 बैच की आईपीएस अधिकारी है. रश्मि शुक्ला  राज्य की पहली महिला डीजीपी बनी थीं. इसी साल 4 जनवरी को उन्हें डीजीपी नियुक्त किया गया था। डीजीपी बनने से पहले वह केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) में महानिदेशक (डीजी) की जिम्मेदारी संभाल रहीं थीं। वह जून महीने में सेवानिवृत्त हो रही थीं, लेकिन सरकार ने उन्हें एक्सटेंशन दे दिया।

रश्मि शुक्ला का नाम महाविकास अघाड़ी (एमवीए) नेताओं के फोन टेप करने के मामले में घसीटा गया था, हालांकि इस मामले में उन्हें क्लीन चिट मिल गई थी।.