नई दिल्ली: लखीमपुर खीरी हिंसा (Lakhimpur Kheri Violence) को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने मंगलवार को कहा कि विपक्षी दल इस घटना का राजनीतिकरण कर रहे हैं. बीजेपी किसान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजकुमार चाहर (Rajkumar Chahar) ने आईएएनएस से कहा कि यह समझ में नहीं आ रहा है कि जब जांच चल रही है, तब विपक्षी नेता लखीमपुर खीरी जाने की जल्दी में क्यों हैं. Lakhimpur Kheri Violence: शरद पवार का बड़ा बयान, कहा- BJP को लखीमपुर घटना की भारी कीमत चुकानी पड़ेगी
फतेहपुर सीकरी के लोकसभा सदस्य चाहर ने कहा, "एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई और जब राज्य सरकार कार्रवाई कर रही है, तो वे (विपक्षी नेता) उस जगह की यात्रा करने के लिए इतने अड़े क्यों हैं. पहले राज्य सरकार को कार्रवाई करने दें और मृतकों के परिवारों को पोस्टमार्टम पूरा करने के बाद शवों का अंतिम संस्कार करने दें. वे बाद में क्षेत्र का दौरा कर सकते हैं."
कांग्रेस शासित राजस्थान में प्रदर्शन कर रहे किसानों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई का जिक्र करते हुए बीजेपी नेता ने कहा, "लखीमपुर खीरी जाने के इच्छुक कांग्रेसी नेताओं ने राजस्थान के हनुमानगढ़ में किसानों पर पुलिस लाठीचार्ज के खिलाफ एक शब्द भी नहीं कहा है."
चाहर ने हिंसा के बाद छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की उत्तर प्रदेश की यात्रा की आलोचना की और कहा कि कांग्रेस निर्धारित मानदंडों के खिलाफ एक नई प्रथा शुरू कर रही है.
उन्होंने कहा, "कांग्रेस के मुख्यमंत्री बघेल जो कर रहे हैं, सही नहीं है. इससे लोकतांत्रिक मानदंडों के खिलाफ नई प्रथा शुरू हो जाएगी. क्या वे गैर-कांग्रेस शासित राज्य के मुख्यमंत्री को कानून और व्यवस्था से संबंधित किसी भी दुर्भाग्यपूर्ण घटना के बाद कांग्रेस शासित राज्य का दौरा करने की अनुमति देंगे. यह कांग्रेस के मुख्यमंत्री द्वारा शुरू की गई एक खतरनाक प्रथा है और मैं दूसरे राज्य के मामलों में एक मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप की निंदा करता हूं."
चाहर ने कहा कि राज्य सरकार पहले ही मृतकों के परिवारों को वित्तीय सहायता और हिंसा के कारणों का पता लगाने के लिए न्यायिक जांच की घोषणा कर चुकी है और साथ ही मृतक के परिवारों में से एक सदस्य को नौकरी देने की घोषणा कर चुकी है.
लखीमपुर खीरी में किसानों के विरोध प्रदर्शन के दौरान नौ लोगों की मौत हो गई, जो रविवार को हिंसक हो गया. उत्तर प्रदेश सरकार ने मृतक किसानों के परिजनों को 45 लाख रुपये और घायलों को 10 लाख रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की है. पूरे घटनाक्रम की न्यायिक जांच उच्च न्यायालय के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश से करवाने का आदेश दिया गया है.