तिरुवनंतपुरम, 25 दिसंबर: केरल (Kerala) में वाममोर्चा सरकार की राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान (Arif Mohammad Khan) के साथ तनातनी के बीच राज्य के कानून मंत्री ए.के. बालन (A.K. Baalan) और कृषि मंत्री वी.एस. सुनील कुमार (V.S. Sunil Kumar) ने शुक्रवार को राज्यपाल से मुलाकात की. वाम मोर्चे की सरकार ने पहले कृषि बिलों के खिलाफ प्रस्ताव पारित करने लिए 23 दिसंबर को राज्य विधानसभा सत्र को बुलाने की सिफारिश की थी, जिसे राज्यपाल ने नामंजूर कर दिया था, जिसके बाद मुख्यमंत्री और राज्यपाल के बीच टकराव की नौबत आ गई.
सरकार ने एक बार फिर 31 दिसंबर को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने का फैसला किया है. राज्यपाल से मिलने के बाद, बालन ने मीडियाकर्मियों से कहा कि मुलाकात 'सकारात्मक'रही. उन्होंने कहा, "हम क्रिसमस की बधाई देने के लिए राज्यपाल से मिले और स्वाभाविक रूप से हाल के मुद्दों पर चर्चा हुई और राज्यपाल ने बहुत सकारात्मक रुख दिखाया. हमने उनसे 35 मिनट तक मुलाकात की और अपनी स्थिति के बारे में बताया और राज्यपाल ने कुछ मामलों को कम्युनिकेट किया है जिन पर हम मुख्यमंत्री के साथ चर्चा करेंगे और फिर जवाब देंगे. कुल मिलाकर यह मुलाकात सकारात्मक थी."
राज्य के कृषि मंत्री वी.एस. सुनीलकुमार ने भी मुलाकात को सकारात्मक बताया और कहा कि राज्यपाल ने मंत्रियों की बात को ध्यान से सुना. उन्होंने कहा, "हमने उनसे कहा कि सरकार सभी मामलों में राज्यपाल को विश्वास में लेगी." गौरतलब है कि सीपीआई के मुखपत्र, 'जनयुगम' में राज्यपाल के खिलाफ जमकर निशाना साधा गया और यह भी आरोप लगा दिया कि राज्यपाल राज्य में आरएसएस के एजेंडे को अमलीजामा पहनाने की कोशिश कर रहे हैं. हालांकि राजभवन के सूत्रों ने कहा कि राज्यपाल ने मंत्रियों के प्रति नाखुशी व्यक्त की है और यह कहा कि कि सरकार 23 दिसंबर को विधानसभा के विशेष सत्र के आग्रह पर उन्हें विश्वास में नहीं ले पाई.
इस बीच केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री और भाजपा (BJP) के वरिष्ठ नेता वी. मुरलीधरन (V. Muralidharan) ने कहा कि विधानसभा के विशेष सत्र को तत्काल बुलाने की जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा, "केरल विधानसभा का विशेष सत्र आयोजित करने की कोई आवश्यकता नहीं है. सत्तारूढ़ मोर्चा और कांग्रेस नेतृत्व वाला विपक्ष दोनों करदाताओं का पैसा बिना किसी कारण खर्च कर रहे हैं."