केरल के वायनाड में मूसलाधार बारिश के कारण बड़े पैमाने पर हुए भूस्खलन ने भारी तबाही मचाई है, इसमें अबतक 256 लोगों की मौत हो गई. केरल के मुख्य सचिव डॉ. वेंणु वी ने एक महत्वपूर्ण स्पष्टीकरण जारी किया है, जिसमें उन्होंने बताया कि हाल ही में प्रिंसिपल सेक्रेटरी, डिजास्टर मैनेजमेंट द्वारा प्रिंसिपल सेक्रेटरी, साइंस एंड टेक्नोलॉजी को वायनाड में हुए भूस्खलन के संबंध में विचार व्यक्त करने में संयम बरतने को लेकर जो नोट जारी किया गया था, उसका उद्देश्य वैज्ञानिक समुदाय को अध्ययन और जानकारी प्रदान करने से रोकना नहीं था.
मुख्य सचिव ने स्पष्ट किया कि इस परामर्श का उद्देश्य राज्य के वैज्ञानिक संस्थानों से जुड़े व्यक्तियों द्वारा दिए गए बयानों और विचारों को हतोत्साहित करना था, जिन्हें गलत तरीके से प्रस्तुत किया जा सकता है या गलत उद्धृत किया जा सकता है, जिससे जनता में भ्रम और घबराहट फैल सकती है, विशेषकर इस संवेदनशील समय के दौरान. हालाँकि, ये असाधारण परिस्थितियां हैं, लेकिन पिछले दो दिनों में कुछ ऐसे उदाहरण सामने आए हैं.
Chief Secretary of Kerala issues clarification on the note issued by the Principal Secretary, Disaster Management to the Principal Secretary, Science and Technology, regarding exercising restraint in expressing opinions related to the landslide in Wayanad. pic.twitter.com/Z6qDO0gKQ8
— ANI (@ANI) August 2, 2024
मुख्य सचिव ने यह भी बताया कि वैज्ञानिक अध्ययन अत्यंत महत्वपूर्ण हैं, जो जलवायु परिवर्तन के संदर्भ में राज्य द्वारा सामना की जा रही चुनौतियों पर प्रकाश डाल सकते हैं, और नए ज्ञान से हमारी समझ और रणनीतियों को आकार देने में मदद मिल सकती है. वहीं, इस त्रासदी के बाद, प्राथमिक ध्यान बचाव, पुनर्प्राप्ति और पुनर्वास पर होना चाहिए और गलत बयानबाजी या गलतफहमी के कारण व्यापक भय और दहशत नहीं फैलनी चाहिए, जिससे मानवीय कार्यों में बाधा उत्पन्न हो सकती है.