केरल, कर्नाटक, महाराष्ट्र, गुजरात समेत देश के कई राज्यों में पिछले कुछ दिनों से लगातार हो रही बारिश से बाढ़ ने तबाही मचा रखी है. वहीं कर्नाटक (Karnataka floods) में भारी बारिश से वहां के लोगों को जन-जीवन अस्त-व्यस्त नजर आ रहा है. 1 अगस्त से शुरू हुई बारिश में अबतक 40 लोगों की मौत हो गई है. वहीं 14 लोग अभी भी लापता हैं. बारिश के कारण 5,81,702 लोगों को रेस्क्यू किया जा चूका है. कर्नाटक में आई इस तबाही के कारण वहां के तकरीबन 2082 गांव प्रभावित हैं. अभी भी युद्धस्तर पर बचाव कार्य किया जा रहा है.
वहीं प्रभावित क्षेत्रों में राहत शिविरों में शरण लेने वाले लोगों को पीने का पानी, भोजन, दवाइयां, कपड़े, कंबल और अन्य सुविधाएं दी जा रही हैं और उनके क्षतिग्रस्त मकानों की मरम्मत की जा रही है. इससे पहले सरकार ने आदेश जारी कर फसल, मृतकों, मवेशी और बुनियादी संरचना को हुए नुकसान के कारण 80 तालुका को बाढ़ प्रभावित घोषित किया है. बाढ प्रभावित तालुका बेलगावी, बागलकोट, रायचुर, कलबुर्गी, यादगीर, विजयपुरा, गडग, हावेरी, धावाड, शिवमोगा, चिकमंगलुरू, कोडागु, दक्षिण कन्नड़, उडूपी, उत्तरी कन्नड़ और मैसुरु जिले में हैं.
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Karnataka floods: Since 1st August 2019, 40 people have lost their lives, 14 missing, 5,81,702 people evacuated, 1168 no. of relief camps operational and 17 districts and 2028 villages affected. pic.twitter.com/3ti7kaDjsG
— ANI (@ANI) August 12, 2019
रविवार के दिन केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने रविवार को प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया. इस दौरान उनके साथ कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा सहित तमाम अधिकारी भी मौजूद थे. सूबे के 17 जिलों के 80 तालुकों भीषण बाढ़ की चपेट में है. कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा ने कहा था कि पिछले 45 साल में राज्य में इस तरह की आपदा नहीं हुई थी. राज्य सरकार ने राज्य में मूसलाधार बारिश और बाढ़ से 6000 करोड़ रुपये के नुकसान का अनुमान लगाया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने केंद्र से राहत के तौर पर 3000 करोड़ रुपये मांगे हैं.