कर्नाटक के कृषि मंत्री बीसी पाटिल ने गुरुवार को कहा कि आत्महत्या करने वाले किसान कायर हैं. उन्होंने कहा आत्महत्या करने वाले किसान कायर होते हैं, जो सिर्फ अपनी पत्नी और बच्चों की देखभाल नहीं कर सकता, वह आत्महत्या कर लेता है. जब हम पानी में गिरते हैं, हमें जान बचाने के लिए तैरना पड़ता है. पाटिल ने कर्नाटक के कोडागु जिले के पोन्नमपेट में किसानों को संबोधित करते हुए कहा.
मंत्री पोन्नमपेट के बांस उत्पादकों को समझा रहे थे कि कृषि व्यवसाय कितना लाभदायक है, लेकिन कुछ कायरों को इस बात का अहसास नहीं होता है और वे आत्महत्या कर लेते हैं. अपनी बात रखने के लिए, पाटिल ने एक महिला का उदाहरण दिया, उन्होंने कहा मैंने दोनों हाथों में सोने की चूड़ियां पहने हुई महिला से पूछा कि इतनी सारी सोने की चूड़ियां तो उसने जवाब में कहा," यह धरती मां ने मुझे मेरे 35 साल की सेवा के लिए उपहार स्वरुप दिया है. क्या यह सुनने के बाद आप सभी को खुश नहीं हुई? " उन्होंने कहा कि जब एक महिला पूरी तरह से कृषि पर निर्भर थी उसने बड़ी उपलब्धि हासिल की है, तो दूसरे किसान ऐसा क्यों नहीं कर सकते. इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए, कांग्रेस के कर्नाटक यूनिट के प्रवक्ता वी. एस. उगरप्पा ने पाटिल के बयान की निंदा की और कहा उन्होंने कृषक समुदाय का अपमान किया है. यह भी पढ़ें: Farmers Protest: किसानों के आंदोलन के बीच मुख्तार अब्बास नकवी ने कांग्रेस पर साधा निशाना, कहा-उन्हें लोगों को गुमराह करने में नहीं मिलेगी सफलता
उन्होंने कहा यह किसानों का अपमान है. उन्हें इसके लिए माफी मांगनी चाहिए. उन्होंने कहा कि मंत्री को इस विषय में जानना चाहिए कि कुछ किसान आत्महत्या क्यों करते हैं? उगरप्पा ने कहा, "कोई भी किसान जीवन समाप्त करने की इच्छा नहीं रखता. बाढ़ और सूखे जैसे कई कारण हैं, जिन्हें अभी तक समझा और हल नहीं किया जा सका है. समस्या की गंभीरता को समझने के बजाय, मंत्री इस तरह का गैरजिम्मेदाराना बयान देते हैं," उगरप्पा ने कहा.