Majhi Ladki Bahin Yojana: महाराष्ट्र में लाडली बहन योजना की 6वीं क़िस्त कब आएगी, क्या इस बार से ही मिलेंगे 2100 रुपये? यहां जानें सब कुछ
लाड़की बहिन योजना (Photo Credits: File Image)

Majhi Ladki Bahin Yojana: महाराष्ट्र सरकार की लाडली बहन योजना के तहत महिलाओं को आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है. इस योजना का उद्देश्य राज्य की महिलाओं की सामाजिक और आर्थिक स्थिति को सशक्त बनाना है. योजना के तहत अब तक पांच क़िस्तों का वितरण किया जा चुका है. लाडली बहन योजना की लाभ ले रही महिलाओं को 6वीं क़िस्त का इंतेजार हैं. जिसमें 2100 रुपये देने की संभावना जताई जा रही है. हाल ही में सरकार द्वारा इस विषय पर बयान जारी किया गया है, जिसमें इस क़िस्त की राशि और वितरण की तारीख के बारे में जानकारी नहीं दी गई है. बल्कि सरकार की तरफ से कहा आया कि बढे हुए पैसे मार्च महीने में बजा पेश किए जाने के बाद इस पर विचार किया जायेगा.

वहीं 6वीं सरकार कब जारी करेगी. इसके बारे में अभी तक अधिकारिक घोषणा नहीं हुई हैं. लेकिन मीडिया के हवाले से खबर है कि सरकार महिलाओं को अगली क़िस्त जिसमें 1500 देने के अब तक का प्रावधान हैं. वह किस्ट्स जल्द ही इस महीने जारी करेगी. यह भी पढ़े: Majhi Ladki Bahin Yojana: पूर्व मंत्री अदिति तटकरे ने किया साफ़, ‘लाडकी बहिन’ योजना की लाभार्थियों की दोबारा पेपर की जांच नहीं

इतने करोड़ महिलाओं को मिल रहा है लाभ:

इस योजना के तहत वर्तमान में करीब 2.34 करोड़ महिलाओं को इसका लाभ मिल रहा है. हालांकि संख्या और बढ़ने वाले हैं. क्योंकि अभी लाखों फार्म के अभी चेक करना बाकी हैं. जो लाडली बहन योजना के साइड पर चेक करने के लिए पड़े हैं.

जानें लाडली बहन योजना क्या है:

लाडली बहन योजना महाराष्ट्र सरकार की एक महत्वपूर्ण योजना है, जिसका उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं को सशक्त बनाना है। इस योजना के तहत उन महिलाओं को वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है, जिनके परिवार की वार्षिक आय 2.5 लाख रुपये से कम है।

इस योजना के तहत, 1 जुलाई 2024 से महिलाओं को हर महीने 1,500 रुपये की आर्थिक मदद मिल रही है। चुनाव प्रचार के दौरान 'महायुति' गठबंधन ने इस राशि को बढ़ाकर 2,100 रुपये करने का वादा किया है, जिससे महिलाओं को और अधिक आर्थिक सहायता मिल सके।

इस योजना का उद्देश्य महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना और उनके जीवन स्तर को सुधारना है, ताकि वे अपने परिवार के भरण-पोषण में सहायक बन सकें और उनके सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार हो सके.