नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) द्वारा इस साल 16 जनवरी को कोविड-19 (COVID-19) की रोकथाम के लिए टीकाकरण अभियान की शुरूआत के बाद से 72 करोड़ से अधिक टीके की खुराक दी जा चुकी हैं. इनमें से प्रत्येक व्यक्ति के लिए टीकाकरण का प्रमाण प्रदान करने के लिए, कोविन पहले से ही डिजिटल रूप से सत्यापन योग्य प्रमाणपत्र जारी कर रहा है. इस प्रमाणपत्र को किसी डिजिटल डिवाइस (स्मार्टफोन, टैबलेट, लैपटॉप आदि) पर सहेजा जा सकता है या डिजी लॉकर में संग्रहीत किया जा सकता है, जहां से टीकाकरण के प्रमाण के रूप में इसे डिजिटल रूप से साझा किया जा सकता है. विदेशी नागरिक अब वैक्सीनेशन के लिए करा सकते हैं कोविन पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन
इसी तरह, ऐसे प्रवेश के स्थानों (जैसे मॉल, कार्यालय परिसर, सार्वजनिक कार्यक्रम आदि), जहां इस तरह के प्रमाण पत्र की आवश्यकता होती है, इसे डिजिटल और भौतिक दोनों रूपों में दिखाया जा सकता है. हालांकि, ऐसे उदाहरण हो सकते हैं जहां किसी संस्था को प्रमाण पत्र को पूर्ण रूप से देखने की आवश्यकता नहीं होती है और उसे केवल यह जानने की आवश्यकता होती है कि किसी व्यक्ति को टीका लगाया गया है या नहीं. ऐसे कुछ संभावित उपयोग के मामले इस प्रकार हो सकते हैं:
- एक उद्यम/नियोक्ता कार्यालयों, कार्यस्थलों आदि में कार्यों को फिर से शुरू करने के लिए अपने कर्मचारियों की टीकाकरण स्थिति जानना पसंद कर सकता है.
- रेलवे उन यात्रियों के टीकाकरण की स्थिति की जानकारी पाने की इच्छा रख सकता है, जो ट्रेनों में अपनी सीट आरक्षित करवाते हैं.
- एयरलाइनें उन यात्रियों के टीकाकरण की स्थिति की जानकारी प्राप्त कर सकती है, जो अपनी उड़ान टिकट बुक कराते हैं, और/या हवाई अड्डे केवल टीकाकरण वाले यात्रियों को गुजरने की अनुमति देना चाहेंगे.
- होटल में चेक-इन करते समय या ऑनलाइन बुकिंग करते समय होटल निवासियों की टीकाकरण स्थिति जानना पसंद कर सकता है.
चूंकि सभी की सुरक्षा को बनाए रखते हुए सामाजिक-आर्थिक गतिविधियों को धीरे-धीरे फिर से चालू किया जा रहा है, ऐसे में व्यक्तियों के टीकाकरण की स्थिति को डिजिटल रूप से उन संस्थाओं तक पहुंचाने की आवश्यकता है, जिनके साथ वे कर्मचारियों, यात्रि.png" alt="Search" />