नई दिल्ली: कोरोना वायरस (Coronavirus) के प्रकोप के कारण विदेशों में फंसे हजारों भारतीयों की वतन वापसी के लिए मोदी सरकार ने बड़ा प्लान बनाया है. इसके तहत हजारों नागरिकों को वापस लाने के लिए देश से एक हफ्ते में 60 विशेष फ्लाइट्स भेजी जाएगी. विमानों का परिचलान 7 मई से चरणबद्ध तरीके से शुरू किया जाएगा.
विदेश मंत्रालय (MEA) के अनुसार विदेशों में फंसे छात्रों और ब्लू-कॉलर श्रमिकों को 64 उड़ानों को जरिए देश में लाने की योजना बनाई गई है. बताया जा रहा है कि हवाई जहाज और नौसेना के जहाजों से विदेशों से भारतीय नागरिक वापस लाया जाएगा. सभी राज्य सरकारों को वापसी करने वाले भारतीयों के परीक्षण, क्वारंटीन और संबधित राज्यों में आवाजाही की व्यवस्था करने की तैयरी करने के लिए कहा है. रेलवे ने प्रवासी कामगारों के लिए किराये में 85 फीसदी सब्सिडी दी
पंजाब के विशेष मुख्य सचिव केबीएस सिद्धू (KBS Sidhu) ने मंगलवार को ट्वीट कर कहा कि भारत एक दिन में लगभग 2000 नागरिकों को घर वापस लाएगी. इसेक लिए एक सप्ताह का प्लान बनाया गया है. इसके तहत 7 मई को पंजाब में दुबई से केवल एक उड़ान आएगी.
So India 🇮🇳 finally begins to fly back its Citizens home – approximately 2000 persons a day.
A sneak peek into the 7-day plan. Punjab has only one incoming flight from Dubai, UAE on the 7.https://t.co/OWGQNMiQ4k
— KBS Sidhu, IAS. (@kbssidhu1961) May 5, 2020
न्यूज़ एजेंसी आईएएनएस के मुताबिक इस संबंध में सरकार ने स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोटोकॉल (एसओपी) तैयार कर लिया हैं. केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर सोमवार को जारी बयान के अनुसार, संबंधित देशों में स्थित भारतीय दूतावास और भारतीय उच्चायोग ऐसे भारतीय नागरिकों की लिस्ट तैयार कर रहे हैं. लेकिन वापसी की इस पूरी सुविधा के लिए यात्रियों को भुगतान करना होगा. कोरोना का कहर: पूरी दुनिया में 2,50,000 से ज्यादा लोगों की हुई मौत, अमेरिका में 68,922 लोगों ने गवाई जान
बयान के अनुसार, उड़ान भरने से पहले यात्रियों की मेडिकल स्क्रीनिंग होगी, और बगैर लक्षण वाले यात्रियों को ही यात्रा की अनुमति होगी. यात्रा के दौरान सभी यात्रियों को स्वास्थ्य मंत्रालय और नागरिक उड्डयन मंत्रालय से जारी प्रोटोकॉल का पालन करना होगा.
देश में पहुंचने के बाद सभी नागरिकों को आरोग्य सेतु एप पर रजिस्टर करना अनिवार्य होगा. साथ ही सभी की मेडिकल जांच कराई जाएगी. जांच के बाद संबंधित राज्य सरकारें उन्हें अस्पतालों में या फिर संस्थागत क्वारंटीन में 14 दिनों के लिए भुगतान के आधार पर रखेंगी. 14 दिनों के बाद कोविड-19 टेस्ट किए जाएंगे और उसकी रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई होगी. (एजेंसी इनपुट के साथ)