
Kerala High Court’s Verdict on IVF: केरल हाईकोर्ट ने हाल ही में एक अहम फैसला सुनाया है, जिससे इन-विट्रो फर्टिलाइजेशन (IVF) कराने की इच्छुक विवाहित महिलाओं को बड़ी राहत मिली है. कोर्ट ने कहा कि अगर किसी महिला का पति तय उम्र सीमा से अधिक है, तो भी वह पति की सहमति से डोनर शुक्राणु का इस्तेमाल कर IVF प्रक्रिया करा सकती है. यह फैसला केरल की एक महिला की याचिका पर आया, जिनकी उम्र 46 साल है और उनके पति 57 साल के हैं.
दंपति पहले से ही IVF ट्रीटमेंट ले रहे थे, लेकिन जब उन्होंने एक और प्रक्रिया कराने की कोशिश की, तो अस्पताल ने यह कहकर इनकार कर दिया कि पति की उम्र 55 साल से ज्यादा है. इस पर महिला ने हाईकोर्ट का रुख किया और अपने अधिकारों की रक्षा की मांग की.
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क्या कहता है कानून?
न्यायमूर्ति सीएस डायस ने सहायित प्रजनन प्रौद्योगिकी (विनियमन) अधिनियम, 2021 (ART अधिनियम) की धारा 21(g) का विश्लेषण किया, जिसमें महिलाओं के लिए 50 साल और पुरुषों के लिए 55 साल की अधिकतम उम्र सीमा तय की गई है. हालांकि, कोर्ट ने पाया कि इस अधिनियम में पति-पत्नी की संयुक्त उम्र का कोई प्रावधान नहीं है, बल्कि दोनों की आयु अलग-अलग तय की गई है.
कोर्ट ने यह भी कहा कि अगर महिला कानूनी रूप से IVF के लिए योग्य है और पति इसकी सहमति देता है, तो केवल पति की उम्र के आधार पर उसे रोका नहीं जा सकता. अगर ऐसा किया जाए तो यह शादीशुदा और अविवाहित महिलाओं के बीच अनुचित भेदभाव होगा, क्योंकि अकेली महिलाएं बिना किसी पति की उम्र की शर्त के ART सेवाएं ले सकती हैं.
अस्पताल और सरकार का पक्ष
सरकार और अस्पताल ने तर्क दिया कि पति-पत्नी को 'कमीशनिंग कपल' (ART सेवाएं लेने वाला दंपति) माना जाता है, इसलिए दोनों की उम्र तय मानदंडों के अनुसार होनी चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि IVF प्रक्रिया को जिम्मेदार पेरेंटिंग को ध्यान में रखते हुए डिजाइन किया गया है. लेकिन कोर्ट ने यह तर्क खारिज कर दिया और कहा कि इस मामले में केवल महिला की उम्र और पति की सहमति आवश्यक है.
चूंकि पति ने फॉर्म 8 में सहमति दी थी और बच्चे को कानूनी वारिस मानने की जिम्मेदारी ली थी, इसलिए महिला को IVF प्रक्रिया से रोकना गलत है.
हाईकोर्ट का फैसला
हाईकोर्ट ने अस्पताल को निर्देश दिया कि वह महिला का IVF ट्रीटमेंट जल्द से जल्द शुरू करे. यह फैसला उन महिलाओं के लिए उम्मीद की किरण है, जो ART प्रक्रिया के जरिए मां बनना चाहती हैं लेकिन उनके पति की उम्र इस प्रक्रिया में बाधा बन रही थी.