दिल्ली: देश में PUBG गेम बैन है. इसके बावदूज बच्चे इसे खेल रहे हैं. राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) ने इसका संज्ञान लेते हुए इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय से जवाब मांगा है कि भारत में प्रतिबंधित PUBG गेम बच्चों को अब भी कैसे हासिल हो रहा है. WhatsApp में आया नया अपडेट, अब ग्रुप में एक साथ जुड़ सकेंगे 512 मेंबर्स
गौरतलब है कि हाल ही में लखनऊ में एक दुखद घटना सामने आई थी, जिसमें PUBG गेम खेलने से मना करने पर नाराज होकर 16 साल के एक लड़के ने अपनी मां की कथित रूप से गोली मारकर हत्या कर दी थी. अब राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने आईटी मंत्रालय से इसके बारे में सफाई मांगी है.
आईटी मंत्रालय को भेजे गए अपने पत्र में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने इस बात को लेकर हैरानी जाहिर की है कि कैसे एक गेम जिस पर सरकार ने रोक लगा दी है, अभी भी नाबालिगों तक उसकी पहुंच कायम है. वहीं भारतीय ओलंपिक संघ के अध्यक्ष को लिखे गए एक दूसरे पत्र में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने कहा "सामने आया है कि एक ई-स्पोर्ट के रूप में PUBG को मान्यता हासिल है. इसे एशियाई ओलंपिक परिषद से भी मान्यता है." बाल आयोग ने पूछा है कि क्या इसी तरह के किसी और गेम को उनके संगठन से मान्यता हासिल है!
पत्र में अनुरोध किया गया है कि आयोग को ऐसी घटनाओं को लेकर की गई कार्रवाई के बारे में सूचित किया जाए और दस दिनों के भीतर ऐसे खेलों की सूची प्रदान की जाए जो नाबालिगों द्वारा उपयोग किए जा रहे हैं.