आधार ऑथेंटिकेशन में बड़ा बदलाव, अब सरकारी और गैर-सरकारी संस्थाओं से सेवाएं मिलना होगा और भी आसान

इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने आज आधार प्रमाणीकरण के लिए सुशासन (सामाजिक कल्याण, नवाचार, ज्ञान) संशोधन नियम, 2025 को आधार (लक्षित वित्तीय, अन्य सब्सिडी, लाभ और सेवाओं की आपूर्ति) अधिनियम, 2016 के अंतर्गत अधिसूचित किया. इस संशोधन को निर्णय लेने की प्रक्रिया में पारदर्शिता एवं समावेशिता में सुधार लाने में मदद करने के उद्देश्य से किया गया है.

जीवन की सुविधा के लिए आधार प्रमाणीकरण का विस्तार

संशोधन का उद्देश्य आधार प्रमाणीकरण की सीमा एवं उपयोगिता को बढ़ाना है जिससे सुशासन, सामाजिक कल्याण, नवाचार एवं ज्ञान का प्रसार किया जा सके, जिससे सेवा वितरण में सुधार के लिए आधार का उपयोग किया जा सके. इस प्रकार से लोगों को जीवन की सुगमता को बढ़ावा दिया जा सके और उनके लिए विभिन्न सेवाओं तक बेहतर पहुंच सुनिश्चित की जा सके. यह संशोधन लोगों को ई-कॉमर्स, यात्रा, पर्यटन, आतिथ्य और स्वास्थ्य क्षेत्र आदि की सेवाओं का निर्बाध लाभ प्राप्त करने में मदद करेगा, जो सरकारी संस्थाओं के अलावा अन्य संस्थाओं द्वारा भी प्रदान की जा रही हैं. यह भी पढ़ें : बजट 2025: किसान क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ी, अब 5 लाख रुपये तक मिलेगा लोन, जानें किसानों के लिए और क्या है खास

आधार प्रमाणीकरण अनुरोधों के लिए सुव्यवस्थित अनुमोदन प्रक्रिया

आधार प्रमाणीकरण के लिए इच्छुक किसी भी इकाई को इस उद्देश्य के लिए एक पोर्टल पर उपलब्ध कराए जा रहे प्रारूप में केंद्र या राज्य सरकार के संबंधित मंत्रालय या विभाग को अपेक्षित आवश्यकताओं के विवरण के साथ आवेदन करना आवश्यक है. आवेदनों की जांच यूआईडीएआई द्वारा की जाएगी और यूआईडीएआई की सिफारिश के आधार पर एमईआईटीवाई इसको मंजूरी प्रदान करेगी. केंद्र या राज्य सरकार का संबंधित मंत्रालय या इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय से पुष्टि प्राप्त करने के बाद आधार उपयोग के लिए इकाई को सूचित किया जाएगा.

इस संशोधन से लोगों को कुशल एवं सुव्यवस्थित आधार-सक्षम सेवाओं तक पहुंच बढ़ने की उम्मीद है. आधार प्रमाणीकरण का लाभ उठाते हुए नवीन डिजिटल समाधानों के विकास को प्रोत्साहित करेगा और सरकार और अन्य संस्थाओं के बीच बेहतर शासन समाधानों के लिए साझेदारी को मजबूत करेगा.