काबुल: आतंकी संगठन तालिबान (Taliban) द्वारा काबुल पर नियंत्रण स्थापित करने के बाद अफगानिस्तान (Afghanistan) में हालात तेजी से बिगड़ रहे है. हालांकि राजधानी काबुल पर कब्जा करने और राष्ट्रपति अशरफ गनी के देश छोड़कर भाग जाने के बाद तालिबान ने अफगानिस्तान में युद्ध समाप्ति की घोषणा कर दी है. मौजूदा हालात को देखते हुए अमेरिका ने अपने छह हजार जवानों को अफगानिस्तान भेजने की योजना बनाई है. इस बीच देशवासी और विदेशी भी युद्धग्रस्त देश से निकलने की हरसंभव कोशिश कर रहे है. लेकिन अब अफगान एयरस्पेस के बंद होने से उनकी भी मुश्किलें बढ़ गई हैं. अफगानिस्तान में अमेरिका भेजेगा 6 हजार सैनिक, काबुल एयरपोर्ट को कब्जे में लिया- कुछ देर में UNSC की होगी आपात बैठक
एयर इंडिया ने बताया कि अफगान हवाई क्षेत्र (Afghan Airspace) बंद होने के कारण फ्लाइट ऑपरेट नहीं हो सकती हैं. दरअसल एयर इंडिया की दिल्ली से काबुल जाने वाली फ्लाइट रात 8:30 बजे की बजाय 12:30 बजे उड़ान भरने वाली थी. वहीं, एयर इंडिया की एआई 126 शिकागो-दिल्ली उड़ान (AI 126 Chicago-Delhi Flight) को खाड़ी हवाई क्षेत्र (Gulf Airspace) की ओर मोड़ा गया है.
#UPDATE | Due to the closure of Afghan airspace flights can't operate, Air India confirms to ANI
— ANI (@ANI) August 16, 2021
सरकारी सूत्रों के मुताबिक, भारत सरकार ने एयर इंडिया से कहा है कि वह काबुल से आपातकालीन निकासी के लिए दो विमानों को स्टैंडबाय पर रखे. एयर इंडिया ने काबुल से नई दिल्ली के लिए आपातकालीन ऑपरेशन के लिए एक दल तैयार किया है.
देश की प्रमुख विपक्षी दल ने इस मुद्दे पर मोदी सरकार पर निशाना साधा है. कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने सोमवार को एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा “अफगानिस्तान की स्थिति बहुत ख़तरनाक मोड़ लिए है. भारत के सामरिक हित अफ़ग़ानिस्तान के मामले में दांव पर लगे हैं. हमारे राजदूतों, हमारे नागरिकों की सुरक्षा दांव पर है. हम भारत सरकार से एक परिपक्व रणनीतिक और राजनीतिक प्रतिक्रिया की अपेक्षा करते हैं.”
उन्होंने आगे कहा “नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार की चुप्पी चिंताजनक और रहस्यमय है. प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री को सामने आकर बताना चाहिए कि हमारे राजदूत और नागरिक किस प्रकार से सुरक्षित वापस आएंगे और अफगानिस्तान के साथ हमारे भविष्य की रणनीति क्या होगी.”
काबुल पर नियंत्रण स्थापित करने के बाद तालिबान के एक प्रवक्ता ने जोर देकर कहा कि अफगान राजधानी में दूतावासों, राजनयिक मिशनों और विदेशी नागरिकों के लिए कोई खतरा नहीं है. साथ ही तालिबान ने कहा कि वह पूरे देश में सुरक्षा बनाए रखेगा. यह घोषणा तब हुई जब हामिद करजई अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डा देश से बाहर जाने वाली उड़ानों का इंतजार कर रहे दसियों यात्रियों से खचाखच भरा हुआ था लेकिन उन्हें कोई विमान नहीं मिला और वे अभी भी वहीं फंसे हुए हैं.