नई दिल्ली: अमेरिका (US) के हमले में ईरानी कमांडर कासेम सोलेमानी (Qasem Soleimani) की मौत होने से खाड़ी देशों में तनाव का माहौल है, जिसका असर कच्चे तेल (Crude Oil) के दाम में भी दिख रहा है. बीते कुछ दिनों में कच्चे तेल के भाव में जोरदार तेजी देखी जा रही है. यहीं वजह है कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में चार दिन में 40 पैसे पेट्रोल और 55 पैसे डीजल महंगा हुआ है. इस बीच केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान (Dharmendra Pradhan) ने ईधन की कीमतों में बढ़ोतरी से अभी राहत नहीं मिलने की उम्मीद जताई है.
वाराणसी के एक दिवसीय दौरे पर आए केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने पत्रकारों से कहा कि दुनिया में तेल उत्पादक क्षेत्रों में तनाव का असर भारत पर भी पड़ता है. हालांकि कुवैत, यूएई और सऊदी अरब में स्थिति शांतिपूर्ण है, इसलिए चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है. उन्होंने आगे कहा कि हम देश में तेल उत्पादन बढ़ाने और समाधान के लिए वैकल्पिक ऊर्जा खोजने की दिशा में काम कर रहे हैं. इराक: बगदाद में अमेरिकी दूतावास पर दागे 2 रॉकेट, सैन्य बेस पर भी हमला
खाड़ी क्षेत्र में फौजी तनाव के चलते कच्चे तेल के दाम में जोरदार तेजी आई है. भारतीय तेल विपणन कंपनियों ने रविवार को दिल्ली, कोलकाता, मुंबई और चेन्नई में पेट्रोल के दाम में नौ पैसे प्रति लीटर की वृद्धि की. जबकि वहीं, डीजल दिल्ली, चेन्नई और कोलकता में 11 पैसे, जबकि मुंबई में 12 पैसे प्रति लीटर महंगा हो गया है.
Union Petroleum Min Dharmendra Pradhan: Tension in oil producing areas in the world impacts India. We're working towards increasing oil production in the country and finding alternate energy solutions.There is no need to worry as situation is peaceful in Kuwait, UAE&Saudi Arabia pic.twitter.com/EAhI8s01QK
— ANI (@ANI) January 5, 2020
अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल का दाम साढ़े तीन महीने के ऊंचे स्तर पर है. इंटरकांटिनेंटल एक्सचेंज यानी आईसीई पर बेंट्र क्रूड का मार्च डिलीवरी अनुबंध शुक्रवार को पिछले सत्र के मुकाबले 3.64 फीसदी तेजी के साथ 68.66 डॉलर प्रति बैरल पर बंद हुआ. वहीं, न्यूयार्क मर्के टाइल एक्सचेंज यानी नायमैक्स पर डब्ल्यूटीआई का फरवरी अनुबंध 3.02 फीसदी तेजी के साथ 63.03 डॉलर प्रति बैरल पर बंद हुआ.
विशेषज्ञों की मानें तो अमेरिका और ईरान के बीच तनातनी के कारण खाड़ी क्षेत्र में तनाव बढ़ गया है, जिससे कच्चे तेल की आपूर्ति प्रभावित होने की आशंकाओं के बीच कीमतों में तेजी बने रहने की उम्मीद है.