नई दिल्ली, 6 अप्रैल : दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में आम आदमी पार्टी (आप) के नेता सत्येंद्र जैन की जमानत याचिका पर गुरुवार को फैसला सुनाएगा. अदालत ने 22 मार्च को इस मामले में जैन और उनके दो सहयोगियों की जमानत याचिकाओं पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था. जैन पिछले साल 30 मई से हिरासत में हैं और उनके सह-आरोपी वैभव जैन और अंकुश जैन हैं.
न्यायमूर्ति दिनेश कुमार शर्मा ने आरोपी के वकील और अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस.वी. राजू प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की दलीलें सुनी थी. निचली अदालत ने 17 नवंबर, 2022 को जैन की जमानत अर्जी खारिज कर दी थी. बाद में हाईकोर्ट ने उनकी जमानत याचिका पर नोटिस जारी किया. ट्रायल कोर्ट के अनुसार, यह रिकॉर्ड में आया है कि सत्येंद्र जैन कोलकाता में स्थित एंट्री ऑपरेटरों को नकद भुगतान कर अपराध की आय को छिपाने में 'वास्तव में शामिल' थे और फिर शेयरों की बिक्री के खिलाफ तीन कंपनियों में पैसा लाकर यह प्रदर्शित किया कि उनका राजस्व साफ था. यह भी पढ़ें : Changes in NCERT Books: किसी को खुश या नाराज करने को किताबों में संशोधन नहीं किया गया- एनसीईआरटी चीफ
उच्च न्यायालय के समक्ष याचिका में, जैन ने तर्क दिया कि विशेष न्यायाधीश और प्रवर्तन निदेशालय ने 'केवल आवास प्रविष्टियों के आधार पर अपराध की आय की पहचान करके' धन शोधन निवारण अधिनियम को गलत तरीके से पढ़ा और गलत तरीके से लागू किया है. यह तर्क दिया गया था कि आवास प्रविष्टियां पीएमएलए के तहत दंडनीय अपराध का कारण नहीं बन सकती हैं. क्योंकि मामले में चार्जशीट पहले ही दायर की जा चुकी है, जैन ने कहा कि मुकदमे के दौरान उन्हें 'कैद करने की आवश्यकता नहीं है.'