HC- Termination On Pregnancy after Husbands Death: दिल्ली हाई कोर्ट ने पति की मौत के बाद 29 सप्ताह की गर्भवती महिला को दी गर्भपात की इजाजत
Representative Image | Pixabay

दिल्ली हाई कोर्ट ने एक महिला को 29 सप्ताह की गर्भावस्था को समाप्त करने की अनुमति दी क्योंकि वह अपने पति की मृत्यु के बाद ट्रॉमा से पीड़ित थी. जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद ने कहा कि महिला को अपनी गर्भावस्था समाप्त करने की अनुमति दी जानी चाहिए क्योंकि उसे इसे जारी रखने की अनुमति देने से उसकी मानसिक स्थिरता खराब हो सकती है क्योंकि वह आत्महत्या की प्रवृत्ति दिखा रही थी. हालांकि कोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि आदेश मामले के विशिष्ट तथ्यों और परिस्थितियों में पारित किया गया है और इसे एक मिसाल के रूप में नहीं माना जाएगा. HC On Removal Of Uterus and Divorce Plea: ओवेरियन कैंसर के कारण पत्नी का गर्भाशय निकालना पति के प्रति क्रूरता नहीं- मद्रास हाई कोर्ट.

महिला की शादी पिछले साल फरवरी में हुई थी. महिला ने अपनी गर्भावस्था को चिकित्सकीय रूप से समाप्त करने की मांग करते हुए याचिका दायर की थी. 19 अक्टूबर, 2023 को उनके पति की मृत्यु हो गई. महिला को गर्भावस्था के बारे में अपने माता-पिता के घर वापस आने के बाद पता चला और उन्होंने इसे जारी नहीं रखने का फैसला किया.

पति की मौत के बाद महिला ट्रॉमा से पीड़ित थी और वह मानसिक रूप से भी स्वस्थ नहीं थी. एम्स अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक से उनका मनोरोग मूल्यांकन कराने का अनुरोध किया गया था. याचिका को स्वीकार करते हुए अदालत ने कहा, “याचिकाकर्ता की मनोस्थिति में बदलाव हुआ है. याचिकाकर्ता विधवा हो गई है. एम्स की मनोरोग मूल्यांकन रिपोर्ट से संकेत मिलता है कि याचिकाकर्ता अपने पति की मृत्यु के कारण अत्यधिक आघात से पीड़ित है. इस हालत के कारण याचिकाकर्ता अपना मानसिक संतुलन खो सकती है और वह इस प्रक्रिया में खुद को नुकसान पहुंचा सकती है.''

अदालत ने महिला को एम्स में अपनी गर्भावस्था को समाप्त करने की प्रक्रिया से गुजरने की अनुमति दी और अस्पताल से यह प्रक्रिया करने का भी अनुरोध किया, भले ही वह 24 सप्ताह की गर्भधारण अवधि पार कर चुकी हो.