ईरान में 1,500 से ज्यादा दिनों तक कैद में रहने के बाद आखिरकार नाहिद तंगावी रिहा हो कर जर्मनी पहुंच गईं. पेशे से आर्किटेक्ट तंगावी को अक्टूबर, 2020 में जेल में डाला गया था.अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन एमनेस्टी इंटरनेशनल ने सोमवार को खबर दी कि तंगावी जर्मनी पहुंच गई हैं. वह रविवार को कोलोन-बॉन एयरपोर्ट पर उतरीं जहां उनकी बेटी उनका स्वागत करने पहुंची थीं.
एमनेस्टी के मुताबिक तंगावी की बेटी मरियम क्लारेन ने अपनी मां से मिलने के बाद कहा, "मेरी मां आखिरकार घर आ गईं. यह खुशी शब्दों में बयान नहीं हो सकती." एक्स पर एक अलग पोस्ट में क्लारेन ने उन सभी लोगों को आभार जताया जिन्होंने उनकी मां की रिहाई के लिए अभियान चलाया. इसके साथ ही उन्होंने इस वक्त उनकी निजता का सम्मान करने का अनुरोध किया है.
चार साल बाद रिहाई
चार साल के बाद तंगावी की रिहाई हो सकी हैं. ईरान की न्यायपालिका ने कथित रूप से तंगावी को 10 साल के कैद की सजा सुनाई थी. उन्हें "एक अवैध गुट का नेतृत्व" करने के लिए यह सजा दी गई थी. एमनेस्टी इंटरनेशनल ने उनके खिलाफ अदालत में मुकदमे की कार्यवाही को "अनुचित" करार दिया और कहा कि उन पर लगाए आरोप झूठे थे.
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तंगावी की मदद करने वाले संगठन हवार हेल्प का कहना है कि जेल में रहने के दौरान वह कमजोर हो गई हैं लेकिन उनका संघर्ष जारी है. हवार हेल्प की प्रमुख दुजेन टेक्काल ने समाचार एजेंसी डीपीए को बताया, "परिस्थितियों के मुताबिक वह ठीक नहीं है, लेकिन उनमें संघर्ष का जज्बा कायम है. वह योद्धा हैं और योद्धा बनी रहेंगी." टेक्काल ने यह भी कहा कि तेंगावी की रिहाई, "खामोश कूटनीति के साथ ही मुखर आंदोलन की जीत है."
टेक्काल ने बताया कि लंबी कैद के बाद तंगावी सबसे पहले कोलोन में अपनी बेटी के साथ सामान्य स्थिति में पहुंचना चाहेंगी.
कैद ने उन्हें भावनात्मक, मनोवैज्ञानिक और शारीरिक जख्म दिए हैं. तंगावी के एक कुर्द दोस्त अब भी जेल में हैं. उनका नाम पचशान असीसी है उन्हें मौत की सजा दी गई है. एमनेस्टी इंटरनेशनल और दूसरे मानवाधिकार संगठनों ने भी उनके बारे में जानकारी दी है.
तंगावी के परिवार के मुताबिक उन्हें सितंबर में परोल पर रिहा किया गया था. रिहाई की शर्तों के मुताबिक उन्हें एक इलेक्ट्रॉनिक एंकलेट पहनना था. उन्हें तेहरान में अपने घर से एक किलोमीटर से ज्यादा दूर जाने की अनुमति नहीं थी.
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ईरान में गिरफ्तार होते विदेशी
जर्मन विदेश मंत्री अनालेना बेयरबॉक ने तंगावी की रिहाई का स्वागत किया है. एक्स पर लिखे अपने पोस्ट में विदेश मंत्री ने कहा, "यह बेहद खुशी का पल है कि नाहिद तंगावी आखिरकार अपने परिवार के पास पहुंच गईं."
मानवाधिकार संगठनों के कार्यकर्ता ईरान पर विदेशियों को बंधक बना कर रखने के आरोप लगाते हैं जिससे कि सौदेबाजी किया जा सके. इसमें विदेश में दोषी ठहराए गए ईरानी अधिकारियों की रिहाई भी शामिल है. ईरान इससे इनकार करता है.
हाल ही में तेरहान ने इटली के एक पत्रकार को तो तीन हफ्ते तक कैद में रखा. उन्हें बीते बुधवार को रिहा किया गया है. रविवार को ईरानी विदेश मंत्रालय ने इस बात की पुष्टि की कि दिसंबर से इटली की कैद में रहे मोहम्मद अबेदिनी को रिहा कर दिया गया है. अबेदिनी को मिलान में अमेरिका के अनुरोध पर पकड़ा गया था. उन पर प्रतिबंधों का उल्लंघन कर ड्रोन तकनीक की जानकारी किसी के साथ बांटने के आरोप लगे थे.
पिछले हफ्ते ही फ्रांस ने भी ईरानी राजदूत को पेरिस में तलब कर फ्रेंच कैदियों की रिहाई के लिए दबाव बनाया था. फ्रांस ने अपने नागरिकों को ईरान नहीं जाने की सलाह दी है. इसके साथ ही पहले से वहां मौजूद नागरिकों को "तुरंत ईरान छोड़ने के लिए कहा है जिससे कि वे निरंकुश गिरफ्तारी या हिरासत में लिये जाने से बच सकें."
एनआर/एसके (डीपीए)