West Bengal Fake Passport Racket Case: बंगाल फर्जी पासपोर्ट रैकेट मामले में  ED ने कोलकाता पुलिस से जानकारी एकत्र की
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कोलकाता, 15 जनवरी : पश्चिम बंगाल पुलिस अवैध बांग्लादेशी घुसपैठियों के लिए फर्जी भारतीय पहचान पत्र दस्तावेज बनाने वाले राज्य से संचालित गिरोह के खिलाफ जांच कर रही है. अब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भी इस मामले में जांच में दिलचस्पी दिखाई है. सूत्रों के अनुसार, ईडी ने कोलकाता पुलिस से जांच की प्रगति का ब्यौरा एकत्र किया है, जिसमें मामले में अब तक अधिकारियों द्वारा की गई गिरफ्तारियां भी शामिल हैं.

हालांकि, ईडी के अधिकारी इस मामले में अपनी दिलचस्पी के वास्तविक कारण के बारे में कुछ नहीं बता रहे हैं. सूत्रों के अनुसार, केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों ने पूरे घोटाले में धन शोधन के पहलू की पहचान की है, विशेष रूप से अवैध बांग्लादेशी घुसपैठियों के लिए फर्जी भारतीय दस्तावेजों की व्यवस्था करते समय किए गए वित्तीय लेन-देन की. यह भी पढ़ें : दिल्ली विधानसभा चुनाव: केजरीवाल ने नामांकन पत्र दाखिल करने के लिए निकाली ‘पदयात्रा’

हालांकि, सूत्रों ने बताया कि ईडी के अधिकारी अभी इस मामले में जरूरी जानकारी एकत्र करने के चरण में हैं. केंद्रीय एजेंसी ने अभी तक इस मामले पर प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट (ईसीआईआर) दाखिल नहीं की है. पुलिस के अधिकारियों ने राज्य में संचालित फर्जी पासपोर्ट रैकेट के संबंध में पहले ही नौ लोगों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार व्यक्ति अवैध बांग्लादेशी घुसपैठियों के लिए फर्जी भारतीय पहचान दस्तावेजों की व्यवस्था करने में शामिल थे.

इस संबंध में अंतिम गिरफ्तारी कोलकाता पुलिस के सेवानिवृत्त उपनिरीक्षक अब्दुल हई की हुई थी. अब्दुल अपने सेवाकाल के अंतिम कुछ वर्षों के दौरान मुख्य रूप से नए पासपोर्ट आवेदकों के लिए पुलिस सत्यापन के कार्य में लगे हुए थे. जांच अधिकारियों ने अवैध बांग्लादेशी घुसपैठियों के लिए फर्जी भारतीय पासपोर्ट की व्यवस्था करने वाले ऐसे रैकेट के संचालन में एक पैटर्न की पहचान की है.

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, कोई भी घुसपैठिया जो अवैध रूप से भारतीय क्षेत्र में प्रवेश करता है, वह स्थानीय एजेंटों से संपर्क करता है और फर्जी भारतीय पहचान दस्तावेज प्राप्त करने के लिए मोटी रकम देने को तैयार होता है. उसे सबसे पहले राज्य में बांग्लादेश की सीमा से सटे विभिन्न गांवों में सुरक्षित आश्रय प्रदान किया जाता है. इसके बाद, एजेंट उनके लिए नकली राशन कार्ड की व्यवस्था करते हैं, जो अन्य पहचान दस्तावेज बनाने की दिशा में पहला कदम है. इन फर्जी राशन कार्डों के साथ, ईपीआईसी, पैन और आधार कार्ड जैसे अन्य पहचान दस्तावेज हासिल किए जाते हैं. अंतिम चरण इन अन्य फर्जी पहचान दस्तावेजों के आधार पर फर्जी पासपोर्ट प्राप्त करना है.